पेण्ड्रा-मरवाही

महिला सशक्तिकरण से ही देश का विकास संभव -पद्मश्री फूलबासन बाई

नवगठित जिले के विकास में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण -कलेक्टर

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं महिला जागरूकता के लिए गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के कल्याणिका पब्लिक स्कूल गौरेला में आयोजित ‘शक्ति का आलाप’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पद्मश्री श्रीमती फूलबासन बाई ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास, कड़े परिश्रम के साथ ही सही दिशा भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी सोच को प्रगतिशील नहीं बनाएंगे, तब तक हम पिछड़ेपन को दूर कर प्रगति की ओर कदम नहीं बढ़ा पाएंगे।

उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाशक्ति को अपने जीवन के संघर्षों और चुनौतियों के संबंध में विस्तार से बताते हुए कहा कि सफलता संघर्ष किए बिना नहीं मिलती। उन्होंने महिलाओं को संगठन के महत्व के बारे में समझाया और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन में महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को संगठित होकर स्वर्णिम सफलता प्राप्त करते हुए देखने का उनका स्वयं का अनुभव है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की महिलाओं को भी संगठित होकर शिक्षा, स्वास्थ्य, नशामुक्त ग्राम, महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता और सामाजिक सम्मान के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया तथा सहयोग प्रदान करने की बात कही।

कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने ‘शक्ति का आलाप’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं शक्तिस्वरूपा होती हैं। उन्हें अपनी शक्ति के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता होती है। महिलाओं को तरक्की करने के लिए अपनी सीमित सोच को बदलने के साथ ही अपने सामाजिक सरोकार के दायरे को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं न केवल राजनैतिक व प्रशासनिक क्षेत्रों में आगे हैं, साहित्य, खेल, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में महिलाओं की अग्रणी भूमिका है। उन्होंने कहा कि नवगठित जिले के विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। महिलाओं को अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों से कभी हार नहीं माननी चाहिए और इनका डटकर सामना करना चाहिए। चुनौतियों का सामना करने वाली महिलाएं अपने जीवन मे उपलब्धि हासिल करने के साथ साथ समाज के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनती हैं। उन्होंने स्वयम का उदाहरण देते हुए कहा कि अनेक चुनौतियों और परीक्षाओं का सामना करते हुए उन्होंने उपलब्धि हासिल की है।

पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार ने कहा कि नारी और पुरुष एक दूसरे के पूरक हैं। नारी और पुरुष दोनों के साहचर्य और परस्पर सहयोग से ही देश और समाज की उन्नति होती है।

कार्यक्रम को ज्ञानपीठ नवलेखन पुरष्कार से सम्मानित साहित्यकार श्रीमती श्रद्धा थवाईत ने संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं अपने जीवन के संबंध में अपने निर्णय स्वयं ले सकें, इसके लिए उनका शिक्षित एवम आत्मनिर्भर होना आवश्यक है।

आनंद रघुवंशी ने कहा कि संविधान में स्त्री और पुरुष को समान अधिकार दिया गया है। शिक्षा के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती हैं तथा आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होती हैं।

छत्तीसगढ़ खेल अलंकरण संम्मान से संम्मानित अंतरराष्ट्रीय कराटे खिलाड़ी और प्रशिक्षक हर्षा साहू ने महिलाओं को आत्मरक्षा की तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आत्मरक्षा की कला में प्रवीण होना जरूरी है।

मीडिया क्षेत्र से जुड़ी पृथा शुक्ला ने कहा कि महिलाओं को घर के दायरे तक ही सीमित नहीं रहकर सामाजिक क्षेत्र में भी आगे आना चाहिए।

कार्यक्रम को गौरेला जनपद पंचायत अध्यक्ष सुश्री ममता पैंकरा सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया तथा महिलाओं को उत्थान के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी राकेश मिश्रा, अनुविभागीय अधिकारी मयंक चतुर्वेदी, डिप्टी कलेक्टर डिगेश पटेल सहित अन्य विभागीय अधिकारीगण, जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में जिले की महिलाशक्ति उपस्थित थीं।

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