लेखक की कलम से
बरखा….

चाहना
एक दूजे को
एक पहलू है
जनता नेता
गरीब अमीर
बच्चा अभिभावक
स्त्री पुरुष
दुख सुख
इन सबके बीच
आओ
खुलकर चाहें!
चाहना
एक दूजे को
एक पहलू है
जनता नेता
गरीब अमीर
बच्चा अभिभावक
स्त्री पुरुष
दुख सुख
इन सबके बीच
आओ
खुलकर चाहें!