पेण्ड्रा-मरवाही

पेण्ड्रा गौरेला मरवाही क्षेत्र में कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर, नगर पंचायत गंवाने के बाद क्या वापसी कर पाएगी कांग्रेस…?

मतदान की तैयारी पूरी 31 को सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक मतदान

पेंड्रा/मरवाही। इस क्षेत्र में कल 31 जनवरी को होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी पूरी कर ली गयी है। इस बार कांग्रेस व भाजपा के कई नेता प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन अहम सवाल कांग्रेस को लेकर उठ रही है कि क्या कुछ समय पहले ही सत्ताधारी दल होने के बाद भी नगर पंचायत हासिल नहीं कर सकी कांग्रेस पंचायत चुनाव में कुछ बेहतर कर पायेगी..?

पेण्ड्रा गौरेला मरवाही क्षेत्र में 31 जनवरी को होने वाले त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है। 29 जनवरी को कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने निर्वाचन तैयारियों का स्वयं जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा निर्देश मातहतों को दिए। मतदान की तैयारी पूरी कर ली गयी है और 31 को सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक मतदान संपन्न होगा। मतदान के बाद वहीं पर मतगणना का कार्य भी संपन्न कराया जाएगा।

पहले हुए चुनाव की तुलना में इस बार क्षेत्र का माहौल काफी बदला हुआ नजर आ रहा है। दस दिन बाद  गठित होने वाले जिले की छाया भी साफ दिखाई पड़ रही है। इस बार गांव की सरकार बनाने राजनीति चरम पर है। खंदक की लड़ाई में आज की रात नींद गायब रहेगी यह तय है। प्रमुख रूप से इस क्षेत्र में कांग्रेस भाजपा के अतिरिक्त जोगी कांग्रेस प्रभावी है। हालाकि जोगी कांग्रेस से जुड़े लोग सरपंच तथा जनपद के चुनाव में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं लेकिन पार्टी के स्तर पर जोगी कांग्रेस ने स्थानीय चुनाव को लेकर ज्यादा कुछ कार्यक्रम तय ही नहीं किया। दूसरी ओर भाजपा अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखना चाहती है। भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के लिए भाजपा के नेताओं ने जनसंपर्क करने में कोई कमी नहीं किया है।

जिला पंचायत के पांच क्षेत्रों में प्रतिष्ठा की लड़ाई में दांव लगा है। क्षेत्र के प्रमुख नेताओं में शंकर कंवर गेंदलाल मार्को, शुभम पेंद्रो तथा भाजपा की तेजतर्रार नेत्री समीरा पैकरा भी जिला पंचायत के चुनाव में सामने है। इसके अतिरिक्त श्यामवती पोर्ते व जानकी की नाम भी चुनाव लड़ने वाले चर्चित नामों में हैं। समीरा पैकरा के लिए तो सांसद अरूण साव ने क्षेत्र में जाकर समर्थन भी मांगा है। कांग्रेस के लिए इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती भी है क्योंकि इसके पहले विधानसभा फिर लोकसभा और उसके बाद नगर पंचायत में किस तरह का प्रदर्शन रहा यह सब देख चुके हैं। विशेषकर नगर पंचायत चुनाव में सत्ताधारी दल होने के बाद भी लचर प्रदर्शन चिंता का कारण रहा। अब कल होने वाले मतदान को लेकर सबकी निगाहें लगी है कि देर शाम तक मिलने वाली खबरें किसे राहत देती है और किसे निराश करती है। ग्राम पंचायतों में बचरवार, चंगेरी , भर्रीडांड़ मरवाही बरौर, बगरार, सिवनी आदि ऐसे जगह हैं जहां के सरपंच चुनाव में क्षेत्र के लोग ध्यान रखते हैं।

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