कोरबा

क्वारैंटाइन सेंटर में 20 पुरुषों के बीच रखा गया एक महिला को, कलेक्टर के निर्देश पर भेजी गई निवास स्थान, अब उन्हें रहना होगा होम क्वारैंटाइन में

कोरबा { गेंदलाल शुक्ल } । कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे कोरबा जिले में इसकी रोकथाम के लिए के प्रति प्रशासन कितना सजग है इसका उदाहरण पौड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था है। यहां 20 पुरुषों के बीच एक अकेली महिला को रखा गया लेकिन जब इस बात की जानकारी कलेक्टर किरण कौशल को हुई तो उन्होंने महिला को उनके घर पसान भेजने की व्यवस्था की। पूर्ण स्वस्थ होते तक अब उन्हें होम क्वारैंटाइन पर रहना होगा।

जानकारी के अनुसार ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पसान की अध्यक्ष सरोज अग्रवाल ने पिछले दिनों तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र में कोरोना वायरस को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान में हिस्सा लिया था। गत 12 अप्रैल को इनमें से एक कार्यकर्ता कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद सरोज अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग को सूचना देकर खुद को होम आइसोलेट कर लिया।

चूंकि सरोज अग्रवाल घर में अकेली हैं, इसलिए वे स्वयं को घर पर ही सुरक्षित मानती हैं। इस बीच विधायक स्वयं भी होम आइसोलेट हो गए। इसके 2 दिन बाद 14 अप्रैल की रात अचानक पाली और पसान के तहसीलदार सरोज अग्रवाल के घर पहुंचे और उन्हें जबरदस्ती उठाकर पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के क्वॉरेंटाइन सेंटर में दाखिल करा दिया था। इस सेंटर में पहले से ही लगभग 20 लोगों को विशेष निगरानी में रखा गया है।

खास बात यह है कि इस सेंटर में सरोज अग्रवाल अकेली महिला थीं। सेंटर में किसी महिला कर्मचारी की नियुक्ति भी नहीं है। पुरुषों के बीच अकेली रखी गई सरोज अग्रवाल को उनके मध्य ही रहना पड़ रहा था। नित्य क्रिया से निवृत्त होने से लेकर खाना-पीना और शयन भी इन्हीं पुरुषों के बीच करना पड़ रहा था। 14 अप्रैल की रात यहां पहुंचने पर खाने में केवल दाल-चावल की व्यवस्था थी, जिसके कारण रोटी खाने वालों को भूखे ही सोना पड़ा। रात में सेंटर में पीने के पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं थी।

हद तो तब हो गई जब सरोज अग्रवाल को पता चला कि सेंटर के टॉयलेट में दरवाजा ही नहीं है। वहां बेहद गंदगी भी है और साफ सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। यही नहीं, टायलेट व बाथरूम में सुबह पानी भी नहीं था। सेंटर को न तो सेनेटाइज किया गया था और न ही वहां हेंडवास के साबुन आदि की कोई व्यवस्था की गई है। इस हालत में सरोज अग्रवाल खुद को बेहद प्रताड़ित महसूस कर रहीं थीं। इस संबंध में सरोज अग्रवाल ने मीडिया को सूचना देकर अपनी व्यथा कथा सुनाई थी और स्वयं को होम आइसोलेशन में वापस घर भेजने की मांग प्रशासन से की थी। इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आज सुबह यह बात उनके संज्ञान में आई थी। इसके बाद उन्होंने सरोज अग्रवाल को पसान वापस भेज दिया गया है और होम आइसोलेट कर दिया गया है।

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