चाहतों को नया आयाम दे दो …
गजल
चाहतों को तुम मेरी नया आयाम दे दो
चाहतों को तुम मेरी, नया आयाम दे दो,
हसरतों को तुम मेरी, नया जाम दे दो,
भटक रहा मैं तेरे लिए, मुसाफिरों की तरह,
मिलोगे कब तुम मुझको, नया अंजाम दे दो,
गुजरी है मेरी तमन्नाएं इन तंग राहों से,
बनाओगे मुझे कब अपना तुम ये तो बता दो,
गिर जाती हैं बिजलियां जमीं पर,
कत्लेआम करके युं घुमती हो,
कब तक रहोगे मुझसे दूर, ये तो बता दो,
तन्हाइयों का मंजर है तेरे बिन,
कटेगी कैसे यह जिंदगी, ये तो बता दो,
दिए हैं तूने ही जख्म मुझे,
लगाओगे कब मरहम, ये तो बता दो,
अश्क आंखों से हैं बह रहे,
तुमने आह तक न भरी,
कितने निर्मम हो तुम ये तो बता दो,
क्या मेरी जगह है तेरे दिल में, ये तो बता दो,
रहूं मैं तेरे दिल में, एक उपकार तुम कर दो,
तमन्नाओं को मेरी, नया आयाम दे दो,
ख्वाबों को मेरी, नयी सुबह दे दो……।।
©पूनम सिंह, नोएडा, उत्तरप्रदेश