लेखक की कलम से

फिक्र मेरी …

मौसम को मात दे रहे कोरोना से बचें और बचाएं

बरसाती प्रणाम

 

खबर

अखबार की

पढ़कर

हालात मेरी

पूछा फोन से

शुक्र है

अच्छी हूं

अब तक

 

बताकर

अखबार

खोली मैं

शहर फिर

बंद होनेवाला है

 

जाड़ा गर्मी

और बरसात

कोरोना

गली गली

छाया है

 

फ़िक्र मेरी

उन्हें है

इस कदर

खुदा को

कैसे बताऊं!

 

  ©लता प्रासर, पटना, बिहार   

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