लेखक की कलम से

नारी …

ईश्वर का चमत्कार है, नारी….

 

विधा के मंदिर जाय तो सरस्वती का रूप है ,नारी…

घर में आए तो लक्ष्मी का स्वरूप है ,नारी…

हो उस पर हावी अत्याचारी,

तो, दुर्गा काली का रूप है , नारी…

 

दुख: में भी खुशियों का संसार है , नारी…

अंधकार में भी रोशनी की किरण है ,नारी…

दुख: के भरे बादलों में भी सूरज की सुनहरी किरण है, नारी…

 

 

ममता का सागर है, नारी…

संस्कारों की जान है , नारी…

प्यार, त्याग, स्नेह की इकलौती पहचान है , नारी…

 

 

फूल सी कोमल है ,नारी…

आदिशक्ति का अवतार है , नारी…

कोई और नहीं ,,

ईश्वर का चमत्कार है , नारी…

 

 

© इंजी. सोनू सीताराम धानुक, शिवपुरी मध्यप्रदेश

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