मुंगेली

जनधन की राशि निकालने बैंकों में भीड़, कैसे करें नियंत्रण, प्रशासन के लिए चुनौती

मुंगेली/लोरमी {अजीत यादव} । जहां एक ओर पूरे देश-विदेश कोरोना वायरस को लेकर जूझ रहा है। भारत के प्रधानमंत्री ने इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 14 अप्रैल तक भारत में लॉकडाउन किया है। शासन प्रशासन लोगों से लगातार अपील कर रही है कि फिजिकल डिस्टेंस का पालन करें। बेवजह घरों से बाहर न निकलें, मास्क का उपयोग करने व साबुन से लगातार हाथ धोने के लिए कहा जा रहा है लेकिन अभी 2 दिनों से देखा जा रहा कि लोगों की भीड़ बैंकों में व क्युस्क शाखाओं दिखाई दे रही है।

लोगों को राहत देने के उद्देश्य से नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सिर्फ जनधन के खाताधारकों के खातों में 500 रुपए और किसान सम्मान निधि की 2000 रुपए जमा किया है। जिसको निकालने के लिए बैंकों में जनधन खाता धारकों की भारी भीड़ देखी जा रही है। ऐसे में कोरोना की जंग लड़ रहे भारत में ऐसी स्थिति आगामी समय के लिए भयावह हो सकती है।

प्रशासन भी है जो ऐसी स्थितियों को निपटने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है लोगों में जागरूकता की कमी नजर आ रही बैंकों में आए लोग चेहरे में मास्क नहीं लगा रहे और ना ही फिजिकल डिस्टेंस का पालन  हो रहा है। आखिर ऐसे में इस समस्या का निराकरण कैसे हो सकेगा। जिससे कोरोना जैसी महामारी से बचा जा सके।

जब कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण से बचने के लिए 21 दिनों का लाकडाउन किया गया तब शुरुवाती दिनों में लगातार प्रशासन की द्वारा अपील की जाती रही है। कुछ लोगों ने पालन भी करना शुरू कर दिया था लेकिन अभी 4-5 दिनों से देखा जा रहा है कि मोदी सरकार द्वारा जनधन खाते में डाले गए 500 रुपए लेने के लिए लोगों की भीड़ बैंकों में उमड़ रही है।

लोग खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति लापरवाही बरतते हुए लोग घरों से निकल रहे हैं। बैंकों में बिना सोशल डिस्टेंश व मास्क लगाए हुए एकसाथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं। देखा जाए तो लोगों को अभी अपनी जान से ज्यादा 500 रुपए निकलवाने की पड़ी हुई है। लोग कोरोना वायरस संक्रमण को गम्भीरता से भी नहीं ले रहे हैं। ऐसा ना हो कि इसका खामियाजा उन्हें या उनके परिवार को भुगतना पड़ जाए।

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