मध्य प्रदेश

हमें प्रदूषण के रोकथाम के प्रयासों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता : राज्यपाल मंगूभाई पटेल

राज्यपाल की अध्यक्षता में एप्को साधारण सभा की  हुई बैठक

भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि प्रदूषण के रोकथाम के प्रयासों पर विशेष ध्यान दिया जाए। आर्थिक हितों के लिए पर्यावरण की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाए। प्रदूषण की संभावना के क्षेत्र और संस्थाओं की गहन निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि यह समझना आवश्यक है कि सुरक्षित भविष्य के लिए आर्थिक समृद्धता से अधिक आवश्यक सुरक्षित, समृद्ध पर्यावरण का होना है। इसी के दृष्टिगत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण की चुनौतियों के लिए सामूहिक सहभागिता के साथ वैश्विक अभियान मिशन लाइफ शुरू किया है। राज्यपाल पटेल राजभवन के सांदीपनि सभागार में पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन एप्को की 12वीं साधारण सभा की अध्यक्षता कर रहे थे।

राज्यपाल पटेल ने कहा कि समाज में पर्यावरण चेतना के लिए ऊर्जा, जल की बचत, कचरा, ई-वेस्ट को कम करने, एकल उपयोग प्लास्टिक को रोकने, सतत खाद्य प्रणालियों और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने के संबंध में जन-जागृति, प्रोत्साहन और नियंत्रण के समन्वित प्रयासों पर बल देना होगा। स्कूलों में बच्चों की सहभागिता से पौध-रोपण और पर्यावरण-संरक्षण के कार्य करने होंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गुजरात मंत्रि-मंडल के वन मंत्री के अपने कार्यकाल के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि छोटे से दिखने वाले प्रारंभिक प्रयास ही बड़े बदलाव लाते हैं। उन्होंने कच्छ के रेगिस्तान में शिक्षक दंपति द्वारा 1500 पौधों का छोटे बच्चों से रोपण कराने, प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से पुनीत वन और अंबाजी के मेले में नव-दम्पत्तियों द्वारा पौध-रोपण, राशि वन, नवग्रह वन, नक्षत्र वन में जन-सहभागिता से पौध-रोपण और बड़े पौधों का रोपण कराने के नवाचारों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने प्रदेश में अभियान स्तर पर पौध-रोपण के प्रयासों के लिए प्रेरित किया।  बच्चों को खान-पान के व्यवहार के सम्बन्ध में सूचित और शिक्षित किए जाने की आवश्यकता बताई।

पर्यावरण-संरक्षण के कार्यों के लक्ष्य तय किए जाएं

राज्यपाल पटेल ने कहा कि पर्यावरण-संरक्षण के कार्यों के लक्ष्य तय किए जाएँ। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए परियोजना बनाई जाए। परियोजना के लक्ष्यों की वार्षिक कार्य-योजना तैयार कर प्रयास किए जाएँ। इसी तरह कार्य करते हुए सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और स्कूलों में शत-प्रतिशत पौध-रोपण किया जा सकता है। पौध-रोपण में दो से तीन वर्ष के पौधे ही लगाए जाने चाहिए। उन्होंने वन विभाग को बड़े पौधे उपलब्ध कराने की निर्देश दिए। पर्यावरण विषय पर शोध, प्रशिक्षण तथा परियोजना निर्माण के लिए समन्वय में एप्को की भूमिका को मजबूत बनाने की जरूरत बताई। प्रतिवर्ष साधारण सभा की बैठक, विश्व पर्यावरण दिवस से एक पखवाड़े के भीतर आयोजित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने अंकुर अभियान में रोपित पौधों की उत्तरजीविता की जानकारी लेने और मृत पौधों का पुनर्रोपण किए जाने की आवश्यकता बताई। इंदौर के सिरपुर, यशवंत सागर और शिवपुरी के संख्या सागर तालाब को रामसर साइट के रूप में केन्द्र सरकार द्वारा चिन्हित किए जाने पर राज्य सरकार को बधाई दी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के गुणवत्ता मानकों के आधार पर नदियों के प्रदूषण के क्षेत्र को चिन्हित कर खान, शिप्रा, बेतवा और सोन नदी के पर्यावरणीय-संरक्षण के कार्य कराए जाने के लिए कहा।

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