मध्य प्रदेश

मेडिकल कॉलेजों में पांच प्रतिशत सीटें सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए होंगी आरक्षित

भोपाल। मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों की कुल सीटों में से पांच प्रतिशत सरकारी स्कूल में पढ़े विद्यार्थियों के लिए आरक्षित रहेंगी। प्रवेश नियमों में इसका प्रविधान किया जा रहा है। मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी मेडिकल कालेजों में प्रवेश की प्रक्रिया 15 जुलाई से पंजीयन के साथ शुरू होगी। नीट का परिणाम इससे पहले जारी होने की प्रत्याशा में तैयारी की जा रही है। 13 सरकारी और 10 निजी कालेजों के लिए काउंसलिंग होगी।

प्रवेश के लिए नियम तैयार किए जा रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों ने बताया कि अखिल भारतीय कोटे और राज्य कोटे की सीटों के लिए काउंसलिंग एक साथ की जाएगी। पिछले साल तक राज्य कोटे की काउंसलिंग बाद में होती थी। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने के अलावा प्रवेश नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। सीट लीविंग और अनिवार्य सेवा बांड की शर्तें यथावत रहेंगी। इसके पहले स्नातकोत्तर (एमडी-एमएस) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए काउंसलिंग एक जुलाई से कराने की तैयारी चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने की है। सूत्रों की माने तो पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ जिन विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूल से कक्षा छठवीं से 12वीं तक नियमित पढ़ाई की हो, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूल में पहली से आठवीं तक पढ़ाई की हो, इसके बाद नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल में की हो, ऐसे छात्रों को मिलेगा।

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