पेण्ड्रा-मरवाही

हाथियों के हमले में महिला की मौके पर ही दर्दनाक मौत, क्षेत्र में दहशत का माहौल, लोगों में वन विभाग के प्रति आक्रोश

मरवाही। आज हाथियों के एक  दल ने मरवाही क्षेत्र के ग्राम उषाढ़ बेलझरिया के छातापटपर मोहल्ले में अचानक हमला बोल दिया। गांव में हल्ला होने पर घर की ओर भाग रही एक महिला को हाथियों ने कुचल दिया जिससे मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गयी। वहीं एक अन्य के घायल होने की खबर मिली है। वन विभाग की लापरवाही इस घटना से एक बार फिर उजागर हुई है। जब उन्हे सूचना मिली थी तो ऐहितयातन कदम क्यो नहीं उठाया था।

इस संबंध में जानकारी के अनुसार घटना आज 17 दिसंबर के रात करीब 9 बजे के आसपास की है। बताया जाता है कि गणेश हाथी का दल जो कि कुछ समय पहले मध्यप्रदेश के अनूपपुर की ओर गया हुआ था आज वापस लौट आया।  इस दल में करीब 18 हाथियों के होने की बात अपुष्ट रूप से सामने आयी है। उक्त दल शाम को ही मरवाही के पास के जंगल में पहुंच चुका था। पता चला है कि इसकी जानकारी वन विभाग को पहले से हो चुकी थी लेकिन जान माल की हिफाजत को लेकर उनकी ओर से ऐहतियातन कदम नहीं उठाया गया और एक अनुसूचित जाति की गरीब महिला हाथियों के गुस्से का शिकार हो गई। हाथियों के एक  दल ने मरवाही क्षेत्र के ग्राम उषाढ़ बेलझरिया के छातापटपर मोहल्ले में अचानक हमला बोल दिया। गांव में हल्ला होने पर घर की ओर भाग रही एक महिला को हाथियों ने कुचल दिया जिससे मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गयी। वहीं एक अन्य के घायल होने की खबर मिली है।

जानकारी के अनुसार मृतिका का नाम मानमती पति गोरेलाल ग्राम छातापटपर है। भागते समय उसे हाथियों के दल ने कुचल दिया। इस घटना के बाद वन विभाग के अमले की घटनास्थल पर पहुंचने की जानकारी मिली है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने अपना मोबाइल बंद कर लिया था इससे उनसे संपर्क नहीं हो सका। घटना की जानकारी मिलते ही तहसीलदार सुनील अग्रवाल दलबल सहित घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं। साथ ही इस घटना की जानकारी लगते ही सांसद प्रतिनिधि राकेश मसीह तथा युवक कांग्रेस अध्यक्ष शुभम पेंद्रो भी वहां पर पहुंचे और लोगों को समझाइस देते हुए ढाढस बंधाया।

इस घटना के बाद गांव के साथ ही पूरे क्षेत्र के लोग दहशत में हैं। इस समय यह इलाका हाथियों के साफ्ट जोन के रूप में तब्दील हो चुका है। बताया जाता है कि घटना स्थल में तांडव मचाने के बाद हाथियों का दल कटारा की ओर बढ़ गया है। इस घटना के बाद लोगों में वन विभाग के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है।   

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