पेण्ड्रा-मरवाही

टीकरकला में कलेक्ट्रेट बनाए जाने की प्रशासनिक तैयारियां शुरू और इधर पेंड्रा-मरवाही के लोग स्थल को लेकर विरोध की तैयारी में

पेंड्रा (आशुतोष दुबे) । नवगठित गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला में जिला मुख्यालय को लेकर राजनेताओं एवं जनप्रतिनिधियों में रार छिड़ गया है। दरअसल लोग चाहते हैं की जिला मुख्यालय ऐसी जगह बने जो तीनों विकासखंड के वनांचल एवं सुदूर गांवों में रहने वाले आम आदमी के लिए सुविधाजनक हो।

फिलहाल जो खबर आ रही है उसके अनुसार जिला मुख्यालय गौरेला के टीकर कला में बनाया जा रहा है जिसके लिए प्रशासनिक तैयारियां शुरू है। इस खबर के बाद मरवाही कांग्रेसी खेमे में उथल-पुथल मची हुई है जो कि स्वाभाविक है। यदि मरवाही के कांग्रेसजन जिला मुख्यालय पेंड्रा में बनाने की मांग कर रहे हैं तो उसमें कुछ गलत नहीं है। पूरे इलाके की भौगोलिक स्थिति को समझे तो पेंड्रा में जिला मुख्यालय बनाना पूरी आबादी के लिए सुविधाजनक होगा।

रेलवे स्टेशन एवं कुछ सुविधाओं को ध्यान में रखकर यदि जिला मुख्यालय गौरेला मे बना भी दिया जाए तो एक बड़ी आबादी के लिए जिला मुख्यालय पहुंचना खर्चीला एवं कठिन ही होगा जबकि पेंड्रा तीनों विकासखंड के गांव के मध्य में है। इसलिए पेंड्रा में ही जिला मुख्यालय बनाना उचित होगा।

जितनी प्रशासनिक एवं राजनीतिक कठिनाइयों के बाद छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार द्वारा गौरेला-पेंड्रा-मरवाही को अविभाजित बिलासपुर जिले से अलग करते हुए नया गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला घोषित किया गया है उसे देखते हुए ज्यादातर लोग नहीं चाहते कि जिले के नाम या मुख्यालय को लेकर कोई विवाद हो या जिला निर्माण में कोई बाधा पहुंचे फिर भी अब जबकि गौरेला-पेंड्रा-मरवाही एक अलग जिला राजपत्र छत्तीसगढ़ में अधिसूचित हो गया है।

आगामी 10 फरवरी से यहां नया जिला अस्तित्व में आ जाएगा। अब जिला मुख्यालय के लिए स्थान चयन की बात हो रही है तब नवीन गठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जहाँ 10 फरवरी को अपने अस्त्तित्व में आने वाला है औऱ शीघ्र ही यहां जिला कलेक्टर सहित सभी प्रमुख अधिकारी भी अब बैठने वाले हैं।

जिला मुख्यालय के लिए प्रशासनिक स्तर पर भवन का भी चयन कर लिया गया है। जिले के अस्त्तित्व को आने में महज 20 से 25 दिन ही शेष बचे हैं ऐसे में टीकर (गौरेला) में नवीन जिला मुख्यालय बनाने का अब मरवाही व पेंड्रा क्षेत्र के नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों के साथ साथ लोगों ने भी इसका विरोध शुरू कर दिया है।

सभी के लिए हो सुविधाजनक – भूधर सोनी

भाजपा मंडल अध्यक्ष पेंड्रा नगर भूधर सोनी ने कहा कि जिला मुख्यालय बनाते समय एक बात का ध्यान रखना होगा कि यह आदिवासी वनांचल क्षेत्र गौरेला-पेंड्रा-मरवाही विकासखंड अमरकंटक की तराई के गांव से लेकर बस्ती बगरा बरौर बेलझिरिया मेड़ुका दरमोहली तक फैला हुआ है। जिसमें लगभग 175 ग्राम शामिल है। इनमें ज्यादातर आबादी आदिवासियों किसानों की है जो जिला मुख्यालय के लिए आश्रित होंगे ऐसे में जिला मुख्यालय ऐसी जगह बनाया जाना उचित होगा। जहां सभी के लिए पहुंचना सुविधाजनक हो। यदि जिला मुख्यालय ऐसी जगह हो जो सुविधाजनक हो इस पर विचार-विमर्श करना प्रशासनिक स्तर पर जरूरी होगा मरवाही के कांग्रेस नेताओं ने कलेटोरेट मुख्यालय पेंड्रा स्थित फिजिकल कॉलेज में स्थापित किए जाने की मांग की है। इनका कहना है कि प्रशासनिक स्तर पर टीकर में कलेक्टोरेट की तैयारी की जा रही है वह व्यव्हारिक रूप से सही नहीं है इससे लोगों की परेशानी कम नहीं होगी।

भाजपा के कार्यकर्ता विरोध करेंगे – राकेश जालान

भाजपा नेता एवं नगर पंचायत पेंड्रा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राकेश जालान ने भौगोलिक स्थिति के अनुसार पेंड्रा फिजिकल भवन को उचित मानते हुए कहा कि यदि पेंड्रा के सिवा कहीं और जिला मुख्यालय बनाया जाता है तो भाजपा के कार्यकर्ता इसका विरोध करेंगे।

80 किमी करना होगा तय- राकेश चतुर्वेदी

जिले के विषय में नगर पंचायत पेंड्रा के वार्ड नंबर नौ के पार्षद राकेश चतुर्वेदी ने कहा है कि टीकर (गौरेला) से मरवाही के अंतिम छोर में बसे बेलझिरिया कांसबहरा जैसे दूर दराज गावों की दूरी लगभग 80 किमी पड़ेगी। इस प्रकार यदि मरवाही क्षेत्रवालों को जिला मुख्यालय आने के लिए 80 किमी की दूरी तय करनी पड़े तो यह बहुत ही असुविधाजनक है और ऐसे में नवीन जिला बनाने का उद्देश्य ही अव्यवहारिक हो जाता है। नवीन गठित जिले में जिला मुख्यालय भगौलिक दृष्टि से तीनों ब्लॉक के केंद्र मे होना चाहिए। ऐसे में उन्होंने सुझाव दिया है कि जिला मुख्यालय के लिए सबसे उपयुक्त स्थान पेंड्रा का फिजिकल कॉलेज हो सकता है।

लोगों की परेशानी होगी कम – अंकुर गुप्ता

भारतीय जनता युवा मोर्चा पेंड्रा नगर मंडल  के अध्यक्ष  अंकुर गुप्ता ने बताया कि पेंड्रा का फिजिकल कॉलेज भगौलिक दृष्टि से नवीन गठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के केंद्र में है। वहाँ से मरवाही क्षेत्र के दूर दराज गांवों की दूरी भी कम पड़ेगा और लोगों की परेशानी भी कम होगी। इसी को दृष्टिगत रखते हुये एवं सब लोगों की सहूलियत को देखते हुए टीकर (गौरेला) में जिला मुख्यालय का विरोध करते हुए नवीन जिले के भगौलिक संरचना को दृष्टिगत रखते हुये फिजिकल कॉलेज पेंड्रा में जिला मुख्यालय करने की मांग मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करता हूँ।

Back to top button