मध्य प्रदेश

प्रतिक्रिया: सीएम ने कहा- बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत, कमलनाथ बोले- पुराने वादों के जुमलों पर पर्दा डालने का प्रयास

भोपाल। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज बुधवार को देश का आम बजट पेश किया। इस बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित भाजपा नेताओं ने इसे मिडिल क्लास के लिए राहत वाला बताते हुए इसे सही अर्थों में जन भावनाओं का सम्मान कर नागरिकों और राष्ट्र हितैषी निरूपित किया है। वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस नेताओं ने इसे निराशाजनक बताते हुए पुराने वादों के जुमलों पर पर्दा डालने का प्रयास निरूपित किया।

देश की विकास क्षमता बढ़ेगी, नौकरियां पैदा होंगी : सीएम शिवराज सिंह

आम बजट देश की जीडीपी में निर्मला सीतारमण के निस्वार्थ योगदान का सम्मान करता है। यह सही अर्थों में जन भावनाओं का सम्मान कर नागरिकों और राष्ट्र के हित में फैसले लेने वाली सरकार है। कैपिटल एक्सपेंडिचर बजट को 33% बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए करने से बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा। भारत की विकास क्षमता को बढ़ावा मिलेगा और नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। इनकम टैक्स छूट की सीमा में वृद्धि और नई कर व्यवस्था में बदलाव से लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा, खपत बढ़ेगी और विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए करने से किसानों को अत्यंत आवश्यक वित्त उपलब्ध होगा और खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। फार्म इनपुट मार्केट इंटेलिजेंस और एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए समर्थन एक लाभदायक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा। 3 साल में देश के एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का अच्छा फैसला है। यह प्रकृति के संरक्षण एवं नागरिकों के पोषण को सुनिश्चित करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना निवेश सीमा को दोगुना कर रु. 30 लाख किया गया है। यह वरिष्ठ नागरिकों को पीएम मोदी का उपहार है। इससे उन्हें अपनी दैनिक जरूरतों, चिकित्सा और तीर्थ यात्रा के खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी। आवासीय एकलव्य मॉडल विद्यालय के लिए 38000 शैक्षणिक एवं सहायक स्टाफ की भर्ती की घोषणा भी स्वागत योग्य है।

कमलनाथ बोले- भविष्य के खोखले सपने दिखा ध्यान भटका रही सरकार

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बजट से स्पष्ट है कि सरकार भविष्य के खोखले सपने दिखाकर वर्तमान की जटिल परिस्थितियों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है। यह प्रवृत्ति देश और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी नहीं है। 2022 में हर गरीब को आवास उपलब्ध होना था। 2022 में देश में बुलेट ट्रेन चलनी थी। लेकिन, वित्तमंत्री ने इन घोषणाओं के पूरे न होने की न तो कोई वजह बताई और न ही देश की जनता से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि हमें आशा थी कि वित्तमंत्री उन घोषणाओं पर प्रकाश डालेंगी, जो 2022 में पूरी होनी थी। 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी होनी थी।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- यह अमृतकाल का बजट

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, यह अमृतकाल का बजट है। वैश्विक मंदी के बावजूद दुनिया ने भारत की आर्थिक स्थिति को सराहा है। हमारी अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। कल्याणकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन से देश का सतत विकास सुनिश्चित किया गया है। इस बजट की सात (समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, इंफ्रॉस्ट्रक्चर और इंवेस्टमेंट, अपनी क्षमता को विकसित करना, ग्रीन ग्रोथ को बढ़ाना, यूथ पावर, फाइनेंशियल सेक्टर को प्रोत्साहन) प्राथमिकताएं हैं, जो सप्तऋषि की तरह अमृतकाल के दौरान हमारा मार्गदर्शन करेंगी।

इनकी रही मिली-जुली प्रतिक्रिया

सागर ग्रुप के एमडी सिद्धार्थ कुमार ने इस बजट को आम लोगों के लिए अच्छा बताया। उन्होंने कहा, सरकार ने इस बजट से आम लोगों के हाथों में सरप्लस इनकम देने की कोशिश की है। लोग इसे एक अच्छा जीवन जीने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। हमारी अर्थव्यवस्था और समाज के हर वर्ग को इस बजट में कवर किया गया है।

व्यापारी राकेश अग्रवाल ने कहा कि आम बजट आमजन के लिए फायदेमंद है, अच्छी बात यह है कि इलेक्ट्रिक वाहन सस्ते होंगे, इससे आमजन को वर्तमान में जो पेट्रोल महंगा होने के कारण रोज 100-200 रुपए खर्च करने पड़ते हैं, उससे निजात मिलेगी। पेट्रोल की जगह इलेक्ट्रिक गाडिय़ां चलन में आने से हर किसी को पेट्रोल के खर्च से निजात मिलेगी।

कर्मचारी सत्यनारायण सोनी ने आम बजट सभी के लिए फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि सबसे बेहतर तो 7 लाख रुपए तक इंकम पर दी जानेवाली टैक्स की छूट है, इसका फायदा नौकरीपेशा से लेकर आमजन तक सभी को मिलेगा।

कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के चेयरमैन मिहिर मर्चेंट का कहना है, भारत सरकार ने इस बजट में टैक्स स्लैब कम कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स की श्रेणी में लाने की कोशिश की है। खेती-किसानी, पर्यटन और मैनुफैक्चरिंग पर ज्यादा जोर दिया गया है। स्टार्टअप्स, खासतौर पर खेती किसानी से जुड़े स्टार्टअप को मदद देने की बात भी कही गई। इसके साथ ही किसानों के लिए जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन्हें भी बढ़ाया गया है।

दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एमडी डॉ. अनिल सिरवइया ने कहा कि दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों का चैंबर है। इस बजट में अनुसूचित जाति और जनजाति उद्यमियों के लिए सीधी राहत तो नहीं दिखाई देती, लेकिन एग्रीकल्चर सेक्टर में वित्तमंत्री ने 20 लाख करोड़ के लोन का प्रावधान किया है, जो काफी अच्छा है। इससे जरूर इस वर्ग को लाभ मिलेगा। फिशरीज और एनीमल हसबेंडरी की बात कही गई है। एससी-एसटी को इससे फायदा मिलेगा। मिलेट्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की बात की गई है। मध्यप्रदेश और पूरे देश में देखें, तो आदिवासी समाज मोटे अनाज का ज्यादा उत्पादन करता है, लेकिन उन्हें उचित दाम नहीं मिल पाता है। अब जब सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा, तो इन सारे विषयों पर काम करेगा।

कर्मचारी दिनेश शर्मा ने इस बजट को कर्मचारियों के लिए फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि पहले कर्मचारियों को खर्च बताने पर 5 लाख रुपए तक इंकम टैक्स में छूट मिलती थी, वहीं छूट अब 7 लाख रुपए तक की इंकम पर रहेगी। इससे लगभग सभी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

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