मध्य प्रदेश

इकबाल सिंह बैंस ही रहेंगे चीफ सेक्रेटरी, 6 महीने का एक्सटेंशन मिला

रिटायरमेंट के दिन केंद्र सरकार से आया 6 महीने कार्यकाल बढ़ाने का आदेश

भोपाल। मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ही बने रहेंगे। उनके कार्यकाल को 6 महीने तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अब वे 31 मई तक चीफ सेक्रेटरी पद पर बने रहेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 9 नवंबर को केंद्र सरकार से श्री बैंस का कार्यकाल बढ़ाने की सिफारिश की थी। इस पर केंद्र सरकार ने सेवावृद्धि की अनुमति दे दी। हालांकि यह अनुमति उनकी सेवानिवृत्ति के दिन ही दी। अब सामान्य प्रशासन विभाग आज शाम तक एक दिसंबर से सेवावृद्धि संबंधी आदेश जारी करेगा। एक्सटेंशन पाने वाले बैंस मध्यप्रदेश के चौथे मुख्य सचिव हैं। इससे पहले आरपी कपूर, आर. परशुराम और बीपी सिंह को भी 6-6 माह का एक्सटेंशन मिल चुका है।

यह पहली बार है कि मुख्य सचिव के पद को लेकर सेवानिवृत्ति के दिन तक असमंजस बना रहा। अब तक परिपाठी इस तरह रही है कि 15 दिन पहले ही नए मुख्य सचिव का नाम सामने आ जाता था या उसके कार्यकाल विस्तार का फैसला हो जाता था। हालांकि, मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहीं अटकलों पर आज बुधवार को विराम लग गया। ज्ञात हो, 1984 बैच के अधिकारी इकबाल सिंह बैंस के मौजूदा कार्यकाल का आज 30 नवंबर को आखिरी दिन था। उन्होंने बुधवार को प्रस्तावित सभी बैठकों को निरस्त कर दिया था। इसी बीच सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) का सभी आईएएस अधिकारियों को 24 नवंबर को जारी एक आदेश सामने आया है, जिसमें लिखा गया है कि बैंस 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इसलिए मप्र कैडर के सभी आईएएस अधिकारी अपनी परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट ऑनलाइन भर दें, ताकि मुख्य सचिव कामकाज की रैंकिंग करके अपने नंबर दे सकें। लेकिन, अब बैंस को एक्सटेंशन दे दिया गया है।

मुख्यमंत्री के भरोसेमंद और पसंदीदा अधिकारी हैं इकबाल सिंह बैंस

दरअसल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के बीच अच्छा सामंजस्य है। बैंस मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अधिकारी भी हैं। चुनावी साल को देखते हुए प्रशासनिक जमावट की जाएगी। कांग्रेस की सरकार जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जब अपनी सरकार बनाई तो 1985 बैच के आईएएस अधिकारी इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बनाया था। इसके लिए छह अधिकारियों की वरिष्ठता को भी नजरअंदाज किया गया था। वह मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं और ऐसे में मुख्यमंत्री चाहते थे कि इकबाल सिंह बैंस ही मुख्य सचिव रहें, ताकि जो कार्ययोजना तैयार की गई है, उस पर तेजी से अमल हो सके। अगले माह संभाग स्तर पर विभिन्न योजनाओं के पात्र हितग्राहियों को हितलाभ वितरण के कार्यक्रम होने हैं। 8, 9 और 10 जनवरी को इंदौर में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन होना है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दुनियाभर के तीन हजार से ज्यादा प्रतिनिधि भाग लेंगे। आयोजन के लिए गठित विभिन्न समितियों के अध्यक्ष मुख्य सचिव हैं और लगातार बैठकें हो रही हैं। वहीं, 11 और 12 जनवरी को इंदौर में ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने वाली है। चुनाव के पूर्व यह शिवराज सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इसके माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास होगा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निवेशकों का भरोसा है और वे प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं। फरवरी-मार्च 2023 में बजट प्रस्तुत होगा, जो पूरी तरह से चुनावी होगा। इसमें सभी वर्गों को साधने के प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा अन्य कार्यक्रम भी होने हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने इकबाल सिंह बैंस पर ही भरोसा जताते हुए केंद्र सरकार से छह माह की सेवावृद्धि करा ली।

अनुराग जैन को नहीं छोड़ रहा केंद्र

नए सीएस के नाम को लेकर भोपाल से दिल्ली तक अटकलें लगती रहीं। 1989 बैंच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन का नाम सबसे प्रबल दावेदार के रूप में चर्चा में आया। अनुराग जैन इस समय केंद्र में प्रतिनयिुक्ति पर हैं। इस दौरान जैन ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से दो बार मुलाकात की। इस वजह से अटकलें तेज हो गई कि उनका सीएस बनना लगभग तय है। लेकिन, अनुराग जैन को केंद्र सरकार नहीं छोड़ रही है। उनके पास केंद्र सरकार के उद्योग, संवर्धन और आंतरिक व्यापार जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्लैगशिप प्रोग्राम गति शक्ति योजना को भी देख रहे हैं। एक दिसंबर को भोपाल में वे योजना के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा करेंगे।

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