मध्य प्रदेश

आदिवासी के अपमान पर गर्माई सियासत : कांग्रेस नेता हुए हमलावर, राज्यपाल से करेंगे शिकायत

आरोपी के घर प्रशासन ने चलाया बुलडोजर, आराेपी प्रवेश शुक्ला को एनएसए में जेल भेजा

भोपाल। आदिवासी सम्मान को लेकर अब तक बढ़त बनाए हुए भाजपा सीधी कांड के बाद अब आदिवासी के अपमान मामले में घिरती नजर आ रही है। पूर्व सीएम कमलनाथ एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने प्रदेश में आदिवासियों के साथ सरकार के संरक्षण में अत्याचार के आरोप लगाए हैं, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले की शिकायत राज्यपाल से करने की बात कही है। हालांकि इस बीच मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन व पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की है। जिसमें आरोपी के घर का अतिरिक्त हिस्से का अतिक्रमण गिराया गया है, तो वहीं कलेक्टर ने आरोपी पर एनएसए के तहत कार्रवाई की है।

प्रदेश के सीधी जिले में एक मानसिक रूप से अस्वस्थ्य आदिवासी पर पेशाब करने के मामले में सीधी से लेकर भोपाल तक सियासत गरमाई हुई है। घटना के आरोपी भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष व विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला को पुलिस ने मंगलवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया। वहीं, उसके घर के अतिक्रमण वाले हिस्से पर बने शेड को बुलडोजर से गिराया भी गया है। इस बीच इस मामले में कांग्रेस भी भाजपा संगठन और सरकार पर हमलावर हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने जांच कमेटी गठित कर दी है, तो कांग्रेस ने भी कमेटी बनाकर जांच कराने की बात कही है। वहीं, 10 जुलाई को सभी कांग्रेस विधायक नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार के खिलाफ लामबंद होकर विरोध दर्ज कराएंगे। वे सीधी की घटना की जांच के बाद प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों से राज्यपाल को अवगत कराएंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने घटना को लेकर शिवराज सरकार पर जुबानी हमला बोला है।

जरूरत पड़ी तो अपराधियों को जमीन में गाड़ देंगे

पेशाब कांड पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि एनएसए लगा दिया गया है, बुलडोजर भी चला दिया है। अगर जरूरत पड़ी तो मामा अपराधियों को 10 फुट जमीन के नीचे भी गाड़ देंगे। मामा का संदेश साफ है, इसलिए गलत मंशा वालों मप्र में अपराध करने से पहले 10 बार सोच लेना। दरअसल, दिलीप मंडल नाम ने ट्वीट किया था कि अगर इस केस में बुलडोजर नहीं चला तो यही माना जाएगा कि आपमें न्याय करने की क्षमता नहीं है और आप समदर्शी नहीं हैं।

भाजपा नेताओं पर चढ़ा सत्ता का नशा

सीधी घटना को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने बयान में कहा कि भाजपा नेताओं पर सत्ता का नशा इस कदर चढ़ा है कि वे इंसान को इंसान नहीं समझ रहे हैं। कमलनाथ ने कहा कि आज मेरा मन प्रदेश के आदिवासी भाई-बहनों के अपमान की घटनाओं से बहुत दुखी है। सीधी जिले में एक आदिवासी युवक के ऊपर भाजपा नेता के पेशाब करने का वीडियो देखकर रूह कांप जाती है। यह घटना आदिवासी अस्मिता पर प्रहार है। यह घटना टंट्या मामा और बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों का अपमान है। यह घटना मध्यप्रदेश के करोड़ों आदिवासियों का अपमान है। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि आदिवासी समाज पर हो रहे अत्याचारों को सरकारी संरक्षण देना बंद करें। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से आदिवासी समाज के साथ खड़ी है और उन्हें न्याय दिला कर रहेगी।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह ने सीएम को पत्र लिखा

इधर, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। जिसमें सीधी घटना का जिक्र करते हुए कार्रवाई किए जाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि मामले की विस्तृत जांच हो। वहीं, आरोपी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

भाजपा ने बनाई जांच कमेटी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने घटना को दुर्भाग्यजनक बताया है। उन्होंने कहा आरोपी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई की है। भाजपा ने मामले को लेकर जांच समिति बनाई है। जांच समिति का प्रमुख राम लाल रौतेल को बनाया है, वे निगम मंडल के अध्यक्ष हैं। उनके नेतृत्व में विधायक शरद कौल, विधायक अमर सिंह और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष कांतिदेव सिंह सीधी जाकर जांच करेंगे। इसके बाद संगठन को रिपोर्ट सौंपेंगे।

भाजपा संगठन की सत्ता के पैरेलल सरकार

पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव ने कहा कि शिवराज सरकार के सामने भाजपा संगठन पैरेलल सरकार चला रहा है। शिवराज सिंह-वीडी शर्मा की कोल्ड वार खुलकर सामने आ गई है। क्या अब भाजपा संगठन को ही सरकार पर भरोसा नहीं है? क्योंकि यह जांच कमेटी का गठन तो यही बता रहा है, जब वीडी शर्मा को ही प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं है तो आमजन क्या भरोसा करेगा।

भूरिया बोले… पीडि़त को दो करोड़ का मुआवजा दे सरकार

पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने पत्रकारवार्ता कर सरकार पर हमला बोला। भूरिया ने कहा कि यह मामला कुछ महीने पुराना बताया जाता है, लेकिन इस पर कार्यवाही की बातें तब शुरू हुई जब कल यह वीडियो वायरल हो गया। आदिवासी उत्पीडऩ को लेकर भाजपा कितनी दुष्टता पर उतर आई है, इसे इस प्रकरण के पूरे घटनाक्रम से समझा जा सकता है। भूरिया ने कहा पहले तो भाजपा नेता आदिवासी युवक के चेहरे पर पेशाब करता है और उसे व उसके परिवार को इतना भय हो जाता है कि वह कई दिन बीतने के बावजूद पुलिस में शिकायत तक नहीं कर पाता। उसके बाद आरोपी या उसके समर्थक पीडि़त से जबरन एक हलफनामा लिखवा लेते हैं, जिसमें वह कहता है कि उसे इस कृत्य से कोई आपत्ति नहीं है, इस कृत्य का वीडियो फर्जी है। क्या संसार में कभी कोई ऐसी मिसाल मिलती है, जहां किसी व्यक्ति का शोषण किया जाए और यहां तक कि उसके मुंह पर पेशाब कर दी जाए, उसके बाद वह कहे कि उसे कोई तकलीफ नहीं है। यह भाजपा की चोरी और सीनाजोरी का मामला है।

वीडियो की सत्यता पहचाने और इसके पीछे के षड्यंत्र को समझने की जरूरत

भाजपा के षड्यंत्र को समझना हो तो उस एफआईआर पर गौर करें, जो आरोपी प्रवेश शुक्ला के चाचा ने आरोपी के गुमशुदा होने की रिपोर्ट घटना का वीडियो वायरल होने के तीन-चार दिन पहले ही दर्ज करा दी। गुमशुदा रिपोर्ट में यह लिखा गया है कि प्रवेश शुक्ला का एक वीडियो वायरल किया जा सकता है जिसमें वह एक आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब कर रहा है। शिवराज सरकार की पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन एक बार भी उस आदिवासी युवक से यह पूछने की कोशिश नहीं की कि क्या वाकई ऐसी घटना हुई है या नहीं? जो वायरल वीडियो देखने के बाद हर व्यक्ति को यकीन हो गया कि यह वीडियो सत्य है, आखिर रिपोर्ट लिखते समय पुलिस को संदेह क्यों नहीं हुआ कि वह इस वीडियो की सत्यता पहचाने और इसके पीछे के षड्यंत्र को समझे। भाजपा विधायक और उसके विधायक प्रतिनिधि सत्ता के मद में स्थानीय गुंडों की तरह काम कर रहे हैं जो किसी आदिवासी के चेहरे पर पेशाब कर सकते हैं, उसका वीडियो सार्वजनिक करने वाले को धमका सकते हैं, अपनी मनमर्जी से हलफनामा तैयार करवा सकते हैं और पुलिस, पैसा, प्रशासन के गठजोड़ से खुद को ही फरियादी बता कर रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। 2 साल पहले सीधी में कुछ पत्रकार साथियों को निर्वस्त्र करके थाने के लॉकअप में बंद कर दिया गया था। वह पत्रकार भी भाजपा के इसी जंगलराज को उजागर करना चाहते थे। पत्रकारों को इस तरह अर्धनग्न कर लॉकअप में बंद करने की ताकत रखने वाले भाजपा नेता आश्वस्त थे कि उनके डर के मारे कोई इस वीडियो को सामने नहीं लाएगा।

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