लेखक की कलम से

आओ मिलकर दीप जलाएं …

 

दिये की लौ से तिमिर भगाएं, फिर से वही विश्वास जगाएं

अनेकता में एकता लाए जीत कर चुनौतियों को दिखाएं।

ताली-थाली बजाकर जैसे एकता दिखाई थी, वैसे फिर एकता दिखाएं।

बस एक-एक दीप जलाना है, एक है एक मिलाना है, एक से।

एक मिल कर के दिवाली सा प्रकाश होगा, जब हम सब का साथ होगा।

होकर के एकजुट इस कठिन समय में भी खुशियां लाएं।

ना गले ना हाथ मिलाकर, दूर रहकर घर अपने में दीप जलाएं।

एकता और सद्भाव जगाएं, सब मिलकर आपदा का तिमिर हटाएं।

खुशहाल देश का सपना सजाएं, हर चेहरे पर मुस्कान लाएं।

देश के सुन्दर उपवन को नेक इरादों के फूलों से सजाएं।

करके जाप महामृत्युंजय का महाकाल से भरपूर शक्ति पाएं।

©प्रेम बजाज, यमुनानगर

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