बिलासपुर

न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के कारणों का विश्लेषण और उसके निदान विषय पर हाईकोर्ट ऑडिटोरियम में व्याख्यान, जस्टिस नवीन सिन्हा हुए शामिल

बिलासपुर। महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के प्रयासों से उच्च न्यायालय के ऑडिटोरियम में आयोजित व्याख्यान माला के प्रथम चरण में भारतीय न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों के कारणों का विश्लेषण एवं उनके निदान के चरण पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि नवीन सिन्हा, न्यायाधिपति सर्वोच्च न्यायालय एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय थे। इस अवसर पर छग उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्रमेनन, न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा, न्यायाधीश मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव एवं अन्य सभी न्यायाधीशगण उपस्थित रहे।

इस अवसर पर अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेकरंजन तिवारी, आलोक बक्शी, श्रीमती फ़ौज़िया मिर्ज़ा एवं अमृतो दास सभी उपमहाधिवक्तागण, शासकीय अधिवक्तागण, पैनल लायर्स, स्टेट बार काउन्सिल व हाईकोर्ट बार काउन्सिल के पदाधिकारी, हाईकोर्ट रजिस्ट्री अधिकारी आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। ज़्यादा लोगों की उपस्थिति दर्ज होने के कारण ऑडिटॉरियम के बाहर भी बड़ी एलसीडी लगाकर व्याख्यान सुनने की व्यवस्था की गई थी। महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए उनके द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णयों का उल्लेख किया।

मुख्य अतिथि नवीन सिन्हा, न्यायाधिपति सर्वोच्च न्यायालय ने बड़े ही सारगर्भित तरीक़े से इस विषय पर अपने विचार रखे। इस विषय पर छग उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पीआर रामचंद्र मेनन ने भी अपना उदबोधन दिया।

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