जूनियर महमूद : पांच रूपए से लेकर इंपोर्टेड कार तक का सफर
फिल्मीनामा
70 के दशक का ये लिटिल स्टार सभी फिल्म मेकर्स का इतना फेवरेट था कि फिल्म में इसके लिए रोल लिखे जाते थे। 5 रुपए से करियर की शुरुआत कर जल्द ही एक लाख रुपए तक पहुंच गई थी इसकी फीस। बॉलीवुड में शुरुआत से लेकर आजतक कई चाइल्ड आर्टिस्ट्स ने अपने गजब के टैलेंट के दम पर इंडस्ट्री में जगह बनाई। इन आर्टिस्ट्स को फैन्स का इतना प्यार मिला कि इनका स्टेटस किसी बड़े स्टार से कम ना रहा।
ऐसे ही कुछ आज के जमाने के स्टार्स को याद करें तो दिमाग में तारे जमीन पर के ईनू यानि दर्शील सफारी, बजरंगी भाईजान की मुन्नी, छोटे पर्दे पर फैजल शेख, ये है मोहब्बतें की पीहू याद आती है। वहीं बीते जमाने के लिटिल स्टार्स की बात करें मास्टर बिट्टू, मास्टर राजू और नईम सैय्यद ऐसे नाम हैं जिनका मासूम चेहरा आज भी दिमाग में उसी तरह है।
नईम सैय्यद ये नाम शायद आपको थोड़ा कम सुना सा लग रहा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बच्चे को जूनियर महमूद के नाम से जाना जाता था। कटी पतंग, ब्रह्मचारी, परिवार, छोटी बहू, छोटे सरकार (1996) ऐसी कई फिल्मों में जूनियर महमूद ने अपनी एक्टिंग का दम दिखाया था।
70 के दशक के इस स्टार का जलवा बड़े-बड़े सुपर स्टार से भी कहीं ज्यादा था। उस समय जब इंपोर्टेड गाड़ियों को एक स्टेटस माना जाता था । मुंबई में मौजूद 12 इंपोर्टेड गाड़ियों में से एक गाड़ी जूनियर महमूद के गैराज में थी। जी हां ऐसी गाड़ियों को खास इसलिए समझा जाता था क्योंकि उन दिनों इम्पोर्ट ड्यूटी बहुत ज्यादा हुआ करती थी। उस समय ऐसी गाड़ी खरीदने का मतलब उस गाड़ी की दोगुनी से ज्यादा कीमत देना था। क्योंकि इंपोर्ट ड्यूटी 100% से भी ज्यादा थी। उस समय एक ऐसी गाड़ी इस लिटिल सुपर स्टार यानि जूनियर महमूद के पास थी।
उस दशक में लिटिल महमूद का जलवा ऐसा था कि फिल्मों में उनके रोल लिखे जाते थे। उन्होंने उस समय के सभी बड़े स्टार्स राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, शशि कपूर, संजीव कुमार और महमूद के साथ काम किया था। जूनियर महमूद बताते हैं कि जब उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत की थी तो वह रोजाना के 5 रुपए लेते थे। इंडस्ट्री में पकड़ बनाने के बाद उनकी फीस 5 हजार पहुंच गई और धीरे-धीरे वह इतने वांटेड स्टार हो गए कि उनकी फीस एक लाख रुपए तक पहुंच गई थी। नईम आज भी इंड्सट्री में एक्टिव हैं।