मां मैं ठीक हूं ..
मदर्स डे स्पेशल इन एडवांस !
एक मेरी दोस्त जो अभी माँ से दूर है और वो एक डॉक्टर है..उसकी पीड़ा मुझसे सहन नहीं हुई..एक कविता लिख के उसका दर्द बयां कर रही हूं….
बिछड़ गई मैं आपसे इस बीमारी से
सोचा जल्द मिलूंगी मैं अपनी माँ से !
दुःख देखा, मौते देखी, मंजर देखा
चारों तरफ डर दिखा मेरी आंख से !!
“ऐ खुदा अब तो मिला दे मेरी माँ से”
देख़ो ना माँ अपनी इस गुड़िया को
काम करती हूं आपके आशीर्वाद से!
किसी ओर की माँ का इलाज करती
चिपक जाती हूं उन्हीं के आंचल से !!
ऐ खुदा अब तो मिला दे मेरी माँ से !!
जब घर आने की करती हूं कोशिश
अखियां रो जाती है आपकी याद से !
ऐसा लगता है माँ ने प्यार भेज दिया
तो अब काम करूं मैं पूरे ध्यान से
ऐ खुदा अब तो मिला दे मेरी माँ से !!
खाना-पीना भी नहीं होता चैन से
उठना- बैठना भी नहीं होता चैन से
माँ अब तू कुछ कर ना मेरे लिए !
आजकल मेरे आंसू भी नहीं रुकते
तुम आजाओ ना माँ ओर….
आंसू रोक दो ना अपने हाथों से !!
“ऐ खुदा तू अब मिला दे मेरी माँ से “
©पायल बंग माहेश्वरी, जयपुर