लेखक की कलम से

अरे देखो कौन आया …

 

कई साल पहले एक राक्षस आया

जिसे राम ने मार गिराया

सबने मिलकर जश्न मनाया

हर दशहरे को उसे जलाया ।।

जलकर राख वह हो गया

अगले दिन सबके मन का राम सो गया ।

कई सीताओं ने चिल्लाया

पर बचाने हनुमान ना आया।

फिर एक रावण हमनें पाया

किसने इसे जगाया ?

कौन इसे है लाया ?

उत्तर स्पष्ट आया

हर मन में झाँका तो उसे पाया

रावण के तो दस थे आनन

अब तो अनेकों भेष हैं

पर राम की वो शक्तियां भी

क्या किसी में शेष हैं ।

©शमिता सोनवलकर, मुंबई

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