लेखक की कलम से

सभी अपने हैं…

 

मेरा अंदाज़ अलग है कुछ ।

नहीं देख सकता किसी का दुख ।।

 

कर पाएं कुछ किसी के लिए ।

हर पल हम इसी सोच में जिएं।।

 

नही करता कभी भेद -भाव ।

बड़ों के छू लेता हूँ पांव ।।

 

लाचारों की करता हूँ सेवा ।

इंसान में भगवान मैने देखा।।

 

वर्दी वाले भी होते हैं इंसान ।

पुलिस की बनाऊंगा नई पहचान।।

©गुरुदेव शर्मा, दिल्ली पुलिस

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