मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को एक साल की सजा
शासकीय कार्य में बाधा डालने का 13 साल पुराना है मामला

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व मंत्री एवं राउ के विधायक जीतू पटवारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 13 साल पुराने मामले में सरकारी कामकाज में बाधा डालने का दोषी पाया है। शनिवार को कोर्ट ने इस मामले में अपना निर्णय सुनाते हुए जीतू पटवारी को एक साल की सजा से दंडित किया है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट ने जीतू पटवारी को शासकीय कार्य में बाधा डालने का दोषी पाया है। यह मामला 2009 का है। उस समय वे युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने राजगढ़ जिले में भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इस दौरान उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत बलवा और अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। इस मामले की सुनवाई भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने जब सजा सुनाई तब पटवारी, विधायक कुणाल चौधरी और अन्य समर्थक भी मौजूद थे।
इसी मामले में तीन और कांग्रेस नेताओं को भी सुनाई सजा
साल 2009 में पटवारी समेत 17 लोगों के खिलाफ राजगढ़ में बलवा समेत शासकीय कार्य में बाधा डालने की एफआईआर दर्ज की गई थी। इन पर आईपीसी की धारा 148, 294, 353, 332, 332/149, 323, 323/149 , 506(2), 336, 427 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 के सेक्शन 3 के तहत आरोप लगाए गए थे। इसी मामले में शनिवार को विधायक जीतू पटवारी, उज्जैन कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र मरमट, जिला पंचायत अध्यक्ष राजगढ़ चंदर सोंधिया और पूर्व विधायक राजगढ़ कृष्णमोहन मालवीय को सजा सुनाई गई है।