मध्य प्रदेश

‘अपनों’ को खोने के बाद परिजन का जज्बा : इंदौर में 48 घंटों में छह लोगों की आंखें डोनेट, अब 12 लोगों की अंधेरी जिंदगी में होगी रोशनी…

इंदौर। स्वच्छता और अंगदान में अग्रणी इंदौर के लोग नेत्रदान के प्रति भी उतने ही संवेदनशील हैं। पिछले 48 घंटे में शहर में हुई 6 लोगों की मौत के बाद उनके परिजन ने उनके नेत्रदान कर लोगों के समक्ष नजीर पेश की है। खास बात यह कि जिन लोगों की मौत हुई है, वे परिवार के मुखिया ही थे। अब इनकी आंखों से 12 लोग अंधेरे से मुक्ति पाकर दुनिया देख सकेंगे।

त्रिलोचन सिंह होरा

विजया दशमी के दिन जिन चार लोगों की मौत हुई है। इसमें गोल्ड कॉलोनी निवासी एक इलेक्ट्रिक व्यवसायी सरदार त्रिलोचन सिंह होरा (77) हैं। दो दिन पहले वे सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें चोइथराम हॉस्पिटल में भर्ती किया था। इस दौरान उनके ब्रेन ने काम करना बंद कर दिया। परिवार ने उनके अंगदान की इच्छा जताई, लेकिन जब डॉक्टरों ने परीक्षण किया तो उनका बीपी काफी लो था। इस बीच कार्डियेक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई। मामले में परिजन ने प्रभु आज्ञा फाउंडेशन के प्रकाश रोचलानी से संपर्क किया और आंखें ही दान करने की बात कही। इसके बाद हॉस्पिटल से समन्वय कर उनकी आंखें डोनेट की गई। परिजन को इस बात पर अफसोस है कि वे उनके अंग तो दान नहीं कर सके, लेकिन इस बात का संतोष जरूर है कि कम से कम उनकी आंखों से तो दूसरों को रोशनी मिलेगी।

नेयनाबेन शाह

ऐसा ही जज्बा समाजसेवी नेयनाबेन शाह (77) निवासी कंचन बाग के परिजन ने दिखाया। नेयनाबेन की घर में ही हार्ट अटैक से मौत हो गई।

रजनीश जैन

इसी तरह रजनीश जैन (53) लोकमान्य नगर बीमारी के चलते यूनिक हॉस्पिटल में भर्ती थे। इस दौरान उनकी भी कार्डियेक अरेस्ट से मौत हो गई।

टीकमचंद कटारिया

एक ऐसा ही मामला टीकमचंद कटारिया (70) निवासी वीर सावरकर नगर का है। उनकी भी हार्ट अटैक से मौत हो गई। इन तीन परिवारों ने भी इस सेवा काम से जुड़ी संस्था मुस्कान ग्रुप के जीतू बागानी व संदीपन आर्य से संपर्क किया। इस पर ग्रुप ने एमके इंटरनेशनल आई बैंक से समन्वय कर इन चारों की आंखों की डोनेट प्रक्रिया पूरी कराई।

नरेश लोहानी 

एक मामला नरेश लोहानी (40) निवासी भोपाल का है। वे इंदौर के नजदीक (देवास) एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। इस पर उन्हें बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था जिनकी शनिवार को मौत हो गई। परिजन की इच्छानुसार पोस्टमॉर्टम के बाद उनकी आंखें डोनेट की गई है। वे चार भाइयों में सबसे छोटे थे।

अनुसुइया निर्मल

ऐसे ही अनुसूया निर्मल (72) निवासी सर्वहारा नगर का शनिवार को हार्ट अटैक से निधन हो गया। परिजन की सहमति पर उनकी भी आंखें डोनेट की गईं। इस तरह इंदौर में 48 घंटों में 6 लोगों की आंखें डोनेट की गई, जिससे अब 12 लोगों की अंधेरी जिंदगी में रोशनी होगी।

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