मुंगेली

कलेक्टर भुरे के निर्देश पर दूसरे जिलो के फंसे श्रमिकों को राहत शिविरों में दिया जा रहा भोजन

मुंगेली {अजीत यादव} । कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए सरकार द्वारा संपूर्ण भारत में पहले 23 मार्च को 21 दिन का और 14 अप्रैल को 18 दिन अर्थात 3 मई तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इस दौरान प्रदेश के दूसरों जिलो से फंसे हुए श्रमिकों और नागरिकों के लिए भोजन की समस्या निर्मित हो गई थी।

राज्य शासन ने श्रमिकों और नागरिकों की भोजन की समस्या को गंभीरता से लिया तथा श्रमिकों एवं नागरिकों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध कराने हेतु जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए। जिसके परिपालन में मुंगेली जिले के कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के मार्गदर्शन में जिला प्रशासन द्वारा श्रमिकों और नागरिकों को निःशुल्क भोजन देने की बीड़ा उठाया। कलेक्टर के निर्देश पर जिले के नगर पालिका परिषद मुंगेली और नगर पंचायत लोरमी, पथरिया एवं सरगांव द्वारा राहत शिविर का संचालन कर वहां प्रतिदिन एक हजार श्रमिकों और नागरिकों को पब्लिक डिस्टेसिंग के नियमों का पालन करते हुए उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। कलेक्टर डा. भुरे द्वारा समय-समय पर राहत शिविर में मौजूद श्रमिकों और नागरिकों से सौजन्य मुलाकात कर उन्हें उपलब्ध भोजन और उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी प्राप्त किया जा रहा है और राहत शिविरों में मौजूद श्रमिकों और नागरिकों से फीडबैक प्राप्त कर बेहतर से बेहतर सुविधा देने उन्हें आश्वस्त किया जा रहा है।

इसी तारतम्य मे लॉकडाउन (देशबंदी) के दौरान जिला मुख्यालय मुंगेली स्थित स्थानीय विश्राम भवन के समीप सराय (राहत शिविर) मे रूके उत्तरप्रदेश के मैनपुर जिले के थाना व तहसील किसनी के राम सेवक, मलखान, संजीव इटवा जिले के थाना उसराहार तहसील नरसना के राजीव, रेशव और तहसील जसवंत नगर के अनिल कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा उनके लिए निःशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्था नही की जाती तो उनके समाने बहुत बडी समस्या आ जाती। भोजन और आवास के लिए उन्हे दर-दर भटकना पड़ता । जिला प्रशासन द्वारा उनके लिए निःशुल्क आवास और भोजन की व्यवस्था की जा रही है । यह उनके लिए आजीवन यादगार रहेगी । इनके लिए उन्होने राज्य शासन और जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है।

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