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आयकर विभाग ने दिया प्रस्ताव : खास निवेशकों को एंजेल टैक्स से छूट देने की तैयारी

भोपाल/नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कुछ निवेशक वर्गों को एंजेल टैक्स के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव पेश किया है। यह कदम 2023 के वित्त अधिनियम के तहत आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) में संशोधन करने के बाद उठाया गया है। इसके जरिये उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की ओर से मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को छोडक़र गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में विदेशी निवेश को एंजेल टैक्स के दायरे में लाया गया था। स्टार्टअप और वेंचर कैपिटल इंडस्ट्री विशिष्ट विदेशी निवेशक की श्रेणी के लिए छूट की वकालत कर रही है। इसके जवाब में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नियम 11 यूए में बदलाव प्रस्तावित करते हुए एक बयान जारी किया है। इसके साथ ही सीबीडीटी ने उन इकाइयों की सूची भी उपलब्ध कराई है, जिन्हें एंजेल टैक्स से छूट मिल सकती है।

इन्हें छूट देने का प्रस्ताव

सीबीडीटी के अनुसार जिन संस्थाओं को एंजेल टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा उनमें सरकार और सरकार से जुड़े निवेशक जैसे केंद्रीय बैंक, सॉवरेन वेल्थ फंड (एसडब्ल्यूएफ), अंतरराष्ट्रीय या बहुपक्षीय संगठन या एजेंसियां और ऐसी संस्थाएं जिनकी सरकार के पास 75 प्रतिशत या उससे अधिक स्वामित्व है शामिल हैं। इसके अतिरिक्त बीमा कारोबार में शामिल बैंक या विनियमित इकाइयों, भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ कैटेगरी एक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई), एंडोमेंट फंड और पेंशन फंड के रूप में पंजीकृत इकाइयों को भी छूट देने का प्रस्ताव है।

क्या है एंजेल टैक्स

एंजेल टैक्स रीजीम की शुरुआत 2012 में हुई थी। धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए इसकी शुरुआत की गई थी। इसके तहत अगर कोई स्टार्टअप एंजेल इन्वेस्टर्स से फंड जुटाता है और यह फंडिंग शेयर की फेयर वैल्यू से ज्यादा पर होती है तो इस पर टैक्स लगाया जा सकता है। एंजेल निवेशक स्टार्टअप के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध कराते हैं। यूनियन बजट 2023 के फाइनेंस बिल में एक संशोधन के जरिए सरकार ने विदेशी निवेशकों को मिलने वाली छूट को समाप्त कर दी थी। (साभार स्वतंत्र समय)

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