मध्य प्रदेश

कलेक्ट्रेट का पहला ई-आफिस बना जिला कोषालय

भोपाल.
जिला कोषालय आफिस भोपाल कलेक्ट्रेट का पहला ऐसा ई- आफिस बन गया है, जहां अब न कोई फाइल या नोटशीट गुम होगी और न ही इनमें किसी तरह की छेड़छाड़, गड़बड़ी की जा सकेगी।यहां फाइलों का काम अब आनलाइन ही होगा। इतना ही नहीं, अब इस दफ्तर के अधिकारी और अन्य अमला 24 घंटे सातों दिन घर या किसी भी स्थान पर बैठकर काम कर सकेगा। असल में पिछले गुरुवार से यह आफिस पूरी तरह ई-आफिस में बदल गया है।

तीन वर्ष से जारी है ई-आफिस की कवायद
प्रदेश में पिछले तीन वर्ष से ई-आफिस की कवायद जारी है। कोषालय का मुख्यालय और कुछ अन्य दफ्तर ई-आफिस बन चुके हैं लेकिन जिला स्तर का ई-आफिस जिला कोषालय ही बन सका है। अधिकारियों का कहना है कि सभी नोटशीट या अन्य फाइलें आनलाइन ही भेजी जाएगी। ई-मेल पर जैसे कोई फाइल फारवर्ड करते हैं, उसी तरह ई-आफिस में काम होगा। अब आफिस में नोटशीट का आनलाइन काम होगा। इस सिस्टम की सबसे बड़ी बात रिकार्ड सुरक्षित रहेगा।वहीं कोई गड़बड़ी या बदलाव नहीं हो सकेगा। पेपर वर्क कम हो जाएगा और काम का लोड कम हो जाएगा।

अभी तलाशनी पड़ती थीं फाइलें
अभी सभी कर्मचारियों को एनआईसी से पासवर्ड और लागइन आइडी मिले हैं। किसी प्रकार के आनलाइन निर्देश मिलने के बाद कर्मचारी मैन्युअली नोटशीट तैयार करते हैं। इसके बाद फाइल एक टेबल से दूसरी टेबल पर भेजी जाती हैं। इसमें समय काफी लग जाता है। नोटशीट भेजने के लिए एक कर्मचारी की तैनाती भी रहती है। कई बार फाइल ही गुम जाती थी,उसे तलाशना पड़ता था। अब यह दिक्कत खत्म हो जाएगी।

यह होगा फायदा
अधिकारियों का कहना है कि सिस्टम लागू होने से सबसे बड़ी बचत कागज की होगी। वहीं, यदि कभी आगजनी या अन्य कोई घटना होती है तो रिकार्ड सर्वर में सुरक्षित रहेगा। सभी कर्मचारियों का डेटा भी इसमें फीड रहेगा। जिससे कोई परेशानी नहीं होगी।

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