मध्य प्रदेश

भाजपा फायरब्रांड सांसद प्रज्ञा ठाकुर बोली- एमपी में पुलिस को रिश्वत देने के लिए लोग बेटियों को बेचते हैं …

भोपाल। अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाली भोपाल की भाजपा संसद सदस्यन प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने इस बार मध्यर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल मध्यप्रदेश के कार्यक्रम में उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन दो गांवों को उन्होंने गोद लिया है, वहां के लोगों के पास आजीविका के कोई साधन नहीं हैं। वे देसी शराब बनाते हैं और अपनी आजीविका के लिए उसे बेचते हैं। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती है और ये गरीब लोग पुलिस को रिश्वत देने के लिए अपनी बेटियों तक को बेचने के लिए मजबूर हो जात हैं।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस बयान के जरिए प्रदेश सरकार को घेरते हुए विभिन्न सरकारी योजनाओं के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर भी सवाल खड़े कर दिए।

सांसद के इस बयान के बाद पत्रकारवार्ता बुलाकर कांग्रेस की वरिष्ठ प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, लेकिन सवाल यह है कि उन्होंने इस मुद्दे को संसद में क्यों नहीं उठाया? उन्होंने अपने बायन से यह साबित कर दिया है कि बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ योजना भाजपा के लिए सिर्फ एक नारा है।

उल्लेखनीय है कि व्यापार मंडल ने सांसद द्वारा गोद लिए गए गांवों के बच्चों के लिए जरूरत की सामग्री भेंट करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान मंच से संगठन का आभार जताते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जो दो गांव उन्होंने गोद लिए हैं, वहां के ग्रामीणों की स्थिति बेहद दयनीय है। गांवों में करीब 300 बच्चे हैं, जिन्हें मैंने गोद लिया और उनका जीवन स्तर बेहतर बनाने, उनकी शिक्षा आदि की व्यवस्था के लिए प्रयास कर रही हूं।

प्रज्ञा ठाकुर ने दो साल पहले संसदीय क्षेत्र के सीहोर जिले का खजूरी बंगला गांव गोद लिया था। इससे पहले उन्होंने भोपाल का बंगरसिया गांव गोद लिया था। बंगरसिया गांव संपन्न किसानों और मंडीदीप की औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले मजदूरों की बस्ती वाला है। वहीं, सीहोर का खजूरी बंगला गांव भी संपन्न किसानों का गांव है।

खजूरी बंगला पंचायत के सरपंच हेमराज गौर ने इस संबंध में बताया कि दोनों गांवों में कोई ऐसा परिवार नहीं है, जिसने कभी पुलिस को रिश्वत देने के लिए ऐसा कदम उठाया हो। दो गांव की खजूरी बंगला पंचायत में 3500 की आबादी है, 900 परिवार हैं और 2368 वोटर हैं। दोनों गांवों में शिक्षित, नौकरी पेशा के साथ-साथ संपन्न किसान हैं। दोनों गांवों के अलावा आसापास के गांवों में भी कच्ची शराब नहीं बनाई जाती है।

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