मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश: बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आईपीएस अफसरों ने आगे बढ़ाए हाथ, सीएम रिलीफ फंड में देंगे एक दिन का वेतन…

भोपाल। मध्य प्रदेश में बाढ़ से बिगड़ते हालात और पीड़ितों की मदद के लिए आईपीएस अफसर सामने आए हैं। प्रदेश के सभी आईपीएस अफसरों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपनी एक दिन का वेतन देने का फैसला किया है। मध्यप्रदेश आईपीएस एसोसिएशन ने इस फैसले की जानकारी ट्वीट करके दी है। इसमें कहा गया कि प्रदेश के सभी आईपीएस अधिकारी बाढ़ पीड़ितों के लिए एक दिन का वेतन सीएम रिलीफ फंड में डोनेट करेंगे। इससे पहले भी आईपीएस एसोसिएशन समय-समय पर मदद करने के लिए आगे आ चुका है।

राज्य शासन ने अगस्त के पहले सप्ताह में विशेष तौर पर ग्वालियर, चम्बल संभाग के 8 जिलों में अभूतपूर्व भारी वर्षा से हुए नुकसान के मूल्यांकन के लिये केन्द्र सरकार से तुरंत अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय टीम भेजने का अनुरोध किया है। राज्य शासन ने विस्तृत ज्ञापन सौंपने के लिये मैदानी सर्वेक्षण कर आंकड़े एकत्र किये जा रहे हैं। प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय (आपदा प्रबंधन विभाग) को भेजे पत्र में कहा है कि केन्द्रीय टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान के मूल्यांकन से प्रदेश को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष के तहत अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी।

पत्र में जानकारी दी गई है कि ग्वालियर और चम्बल संभाग में बहुत ही कम समय में हुई मूसलाधार बारिश ने बड़े पैमाने पर क्षति पहुंचाई है। भारी वर्षा के चलते चम्बल, सिंध, पार्वती, कूनो, सीप और क्वारी नदियों का जल स्तर भी खतरे के निशान तक पहुंच गया है। बाढ़ के कारण श्योपुर, शिवपुरी, मुरैना, गुना, ग्वालियर, दतिया, भिण्ड जिले की बहुत-सी बस्तियों और गांवों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

केन्द्र शासन को भेजे पत्र में लिखा गया है कि एक अप्रैल, 2021 को राज्य आपदा राहत कोष का खर्च शून्य था। राज्य आपदा राहत कोष 2020-21 के तहत 2427 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसमें से 20 प्रतिशत यानि 485.4 करोड़ रुपये मिटिगेशन (शमन) और 970.80 करोड़ रुपये कोविड-19 के लिये निर्धारित किये गये। एक अप्रैल, 2021 से 5 अगस्त, 2021 के मध्य एसडीआरएफ के तहत 576.13 करोड़ रुपये व्यय होने के बाद शेष राशि 1364.47 करोड़ रुपये है। कोविड संक्रमण की भावी संभावना को देखते हुए यह राशि बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिये अपर्याप्त है।

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