मध्य प्रदेश

एमपी कांग्रेस में राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग पर फिर मचा बवाल, विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने दिया बड़ा बयान …

भोपाल। मध्यप्रदेश में अगले साल चुनाव होना है. इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. तैयारियों में उलझी कांग्रेस में एक बार फिर से बवाल हो गया है. यह बवाल कांग्रेस में आदिवासी विधायक और अनुसूचित जनजाति विभाग के अध्यक्ष ओमकार सिंह मरकाम द्वारा हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग पर दिए गए बयान से खड़ा हुआ है। ओमकार सिंह मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए क्रॉस वोटिंग हुई है। यह स्पष्ट है लेकिन, इसके लिए आदिवासी विधायकों को दोष देना ठीक नहीं है. कांग्रेस के लिए अपने ही विधायकों को एकजुट रख पाना बड़ी चुनौती बन गया है।

हाल ही में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देने वाले कांग्रेस के विधायकों को लेकर पार्टी के अंदर मचा घमासान अभी तक थमा नहीं है. दरअसल द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में कांग्रेस के अंदर क्रॉस वोटिंग हुई थी. 17 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर बीजेपी के समर्थन में द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट दिया था. बताया यह जा रहा था कि कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने एनडीए के आदिवासी उम्मीदवार को अपना समर्थन देते हुए क्रॉस वोटिंग की है. ओमकार सिंह मरकाम के मुताबिक द्रौपदी मुर्मू के विरोध में आदिवासी विधायकों ने वोट डाला है. लेकिन क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों में सामान्य और ओबीसी वर्ग से आने वाले विधायक शामिल हैं. यानी कि कांग्रेस के अंदर लीकेज कहा है, यह कांग्रेस पार्टी के लिए पता करना ही मुश्किल हो रहा है।

कांग्रेस पार्टी की लाख कोशिशों के बावजूद पार्टी अपने विधायकों को एकजुट रखने में सफल नहीं दिख रही है. यही वजह है कि अब तक द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में कांग्रेस के आदिवासी विधायकों के वोट डालने की खबर निकल कर सामने आ रही थी. लेकिन अब कांग्रेस के आदिवासी विधायक ने आदिवासी विधायकों के समर्थन में और पार्टी के ही दूसरे वर्ग के विधायकों पर निशाना साधा है. हालांकि पार्टी अभी तक यह पता नहीं कर पाई है कि वह कौन से 17 विधायक हैं जो पार्टी की गाइडलाइन और स्पष्ट निर्देशों के बाद भी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट डाल चुके हैं. कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाली वोटिंग गोपनीय होती है. ऐसे यह कहना बिल्कुल उचित नहीं है कि इस वर्ग ने क्रॉस वोटिंग की होगी.

कांग्रेस के सामने खड़ी हुई है बड़ी चुनौती

बहरहाल, कांग्रेस के लिए अपने ही विधायकों को एकजुट रख पाना बड़ी चुनौती है. 2023 के चुनाव की तैयारी में लगी कांग्रेस यह पता करने में भी विफल साबित हो रही है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर लीकेज कहां पर है और उसको कैसे सुधारा जाए. जिस तरीके से द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है वह कांग्रेस के लिए अपनों को साध कर रख पाने कि किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

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