मध्य प्रदेश

संविदा कर्मियों की बल्ले-बल्ले… मध्य प्रदेश में अब संविदा कर्मियों को मिलेगा नियमित कर्मचारियों के समान वेतन

सीएम शिवराज सिंह ने दी बड़ी सौगात : स्थायी कर्मचारियों की तरह पेंशन सहित अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी, सालाना कॉन्ट्रैक्ट कल्चर भी किया जाएगा खत्म

भोपाल। चुनावी साल में मध्यप्रदेश के करीब डेढ़ लाख संविदा कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। सीएम शिवराज सिंह ने उन्हें सालाना कॉन्ट्रैक्ट कल्चर से मुक्त करने की घोषणा की है। उन्होंने यह ऐलान मंगलवार को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में संविदा कर्मचारियों के प्रांतीय सम्मेलन में किया।

मोतीलाल नेहरू स्टेडियम भोपाल में संविदा कर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान।

सीएम शिवराज सिंह ने संविदा कर्मचारियों के प्रांतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आपकी दृष्टि और कार्यकुशलता नियमित कर्मचारियों से रत्ती भर भी कम नहीं है, बल्कि कई मायनों में ज्यादा है। जरूरत पड़ने पर संविदा कर्मचारियों ने नियमित कर्मचारियों से ज्यादा काम करके दिखाया है।’ उन्होंने कहा कि मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि आप लोगों ने नियमित कर्मचारियों के साथ कदम से कदम और कंधे से कंधा मिलाकर और जरूरत पड़ी तो उनसे ज्यादा काम करके दिखाया है। सीएम ने कहा कि संविदा कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा। संविदा कर्मियों को 90 नहीं 100 प्रतिशत वेतन मिलेगा। स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ भी दिया जाएगा। अनुकंपा भी नियुक्ति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत नियमित पदों का मौका मिलेगा। नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश भी मिलेंगे। ग्रेच्यूटी की व्यवस्था रहेगी। मुख्यमंत्री ने मुस्कुराकर संविदा कर्मचारियों से कहा, बीच-बीच में थोड़ी लड़ाई हो गई थी अपनी। वेतन काट लिया था। पूछा- किस-किस का वेतन कटा हाथ उठाओ। इसके बाद उन्होंने घोषणा की कि आंदोलनों और हड़ताल के दौरान काटा गया वेतन वापस किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मचारियों से कहा कि जितना मेरा सम्मान है, उतना आपका भी सम्मान रहेगा। हम मेहनत से काम करेंगे, लेकिन स्वाभिमान के साथ रहेंगे। प्रदेश की जनता की बेहतर सेवा करेंगे। ईमानदारी से काम करेंगे।

मोतीलाल नेहरू स्टेडियम भोपाल में आयोजित प्रांतीय सम्मेलन में उपस्थित संविदा कर्मचारी।

प्रदेश में 2015 में हुई थी संविदा भर्तियों की भर्ती की हुई शुरुआत

ज्ञात हो, मध्यप्रदेश में संविदा भर्तियों की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी। इसके लिए सरकार ने राजपत्र जारी किया था। संविदा पर कर्मचारी रखने की बड़ी वजह थी सरकार के खर्चे कम करना। संविदा पर भर्ती कर्मचारियों की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार करने का प्रावधान है। इसमें कर्मचारी का सरकार के साथ कॉन्ट्रैक्ट होता है। हालांकि, नियमित कर्मचारियों की कमी को देखते हुए विभागों को अधिकृत कर दिया गया कि वे विभागाध्यक्ष कार्यालयों में संविदा पर फिक्स वेतन पर भर्ती कर सकें। अभी तक इन कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी और अन्य लाभ नहीं मिलते थे।

मोतीलाल नेहरू स्टेडियम भोपाल में संविदा कर्मियों के सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ करते सीएम शिवराज सिंह चौहान।

कर्मचारियों के कुशल दायित्व निर्वहन से मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि चाहे स्वास्थ्य विभाग के फार्मासिस्ट हों, लैब टेक्नीशियन हों, ए.एन.एम. हों, स्टाफ नर्स हों या विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारी, जो मध्यप्रदेश को उजाला देने का कार्य कर रहे हैं, सभी ने अपने दायित्व को बेहतर अंजाम दिया है। प्रदेश का सम्मान बढ़ाया है। ये सभी नींव के पत्थर हैं। जिस तरह मंदिर पर कलश दिखाई देता है, वे कलश जिस गुंबद पर टिका है, वह दीवारों पर टिका होता है। ये दीवारें नींव पर टिकी होती हैं। संविदा कर्मचारियों ने नियमित कर्मचारियों की तरह अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई है। प्रदेश के हित में नियमित और संविदा कर्मचारियों ने कुशलता से दायित्व निर्वहन किया है। मध्यप्रदेश इसलिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश की विकास दर 16 प्रतिशत है, जो राज्यों में सर्वाधिक है। प्रति व्यक्ति आय, बजट के आकार, सड़कों का जाल बिछाने, सिंचाई साधन बढ़ाने, सीएम राइज विद्यालय प्रारंभ करने जैसे सभी क्षेत्रों में मध्यप्रदेश काफी आगे है।

प्रदेश के विकास का संकल्प लिया संविदा कर्मचारियों ने

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संविदा कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाओं के पश्चात प्रदेश के विकास के लिए बेहतर कार्य करने का संकल्प भी दिलवाया। बड़ी संख्या में उपस्थित संविदा कर्मचारियों ने दोनों हाथ उठाकर संकल्प लिया और मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा की गई घोषणाओं का ताली बजाकर हर्ष ध्वनि से स्वागत किया और आभार माना।

मुख्यमंत्री श्री चौहान मामा के बाद बने लाड़ले भाई – स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने स्वागत भाषण में कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मामा के रूप में तो पहचान बनाई ही है, आज वे लाड़ले भइया की नई पहचान बना रहे हैं। चाहे स्वास्थ्य विभाग हो या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास या अन्य विभाग हों, संविदा कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण सेवाएँ दी हैं। गरीब कल्याण योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए निरंतर एक माह घर-घर पहुँचकर नागरिकों से सम्पर्क किया गया और 85 लाख हितग्राहियों को योजनाओं से जोड़ा गया। डॉ. चौधरी ने कहा कि किसी समय शिक्षा कर्मी के रूप में छोटे से वेतन पर कार्य करने वाले कर्मचारी भी आज का दिन अपने लिए सौभाग्य का दिन मान रहे हैं। बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के ए.एन.एम. संविदा कर्मचारियों में शामिल हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किसी को भी निराश नहीं किया है और आज इतनी बड़ी सौगात दी है। संविदा कर्मचारी मुख्यमंत्री श्री चौहान का वंदन और अभिनंदन कर रहे हैं। प्रारंभ में स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े और प्रबंध संचालक स्वास्थ्य मिशन श्रीमती प्रियंका दास ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का पुष्प-गुच्छ से स्वागत किया। संविदा कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री श्री चौहान का विशाल पुष्पहार से आत्मीय और विशेष स्वागत किया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पंचायत एवं पिछड़ा वर्ग विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव, कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा, सुल्तान सिंह शेखावत और विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

सीएम द्वारा की गई घोषणाएं एक नजर में…

  • संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के बराबर वेतन मिलेगा।
  • नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ सभी को दिया जाएगा।
  • स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी मिलेगा।
  • अनुकंपा नियुक्ति भी दी जाएगी।
  • रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटि की व्यवस्था भी की जाएगी।
  • नियमित पदों पर भर्ती में 50% रिजर्वेशन संविदा कर्मचारियों के लिए किया जाएगा।
  • नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश की पूरी सुविधा मिलेगी।
  • नियमित कर्मचारियों की तरह महिला संविदा कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।
  • छुट्टियां सीएल, ईएल, ऐच्छिक अवकाश भी नियमित कर्मचारियों की तरह की जाएगी।
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