बिलासपुर

केन्द्रीय गृहमंत्री तथा वन मंत्री से मिले सांसद अरूण साव

एटीआर में बसे 27 गांवों के विस्थापन की मांग रखी

बिलासपुर। क्षेत्रीय सांसद अरुण साव ने गुरुवार को केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात कर अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में  बसे गांवों का विस्थापन कराने की माँग की। साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर बिलासपुर में नेशनल पुलिस काॅलेज की स्थापना कराने की माँग की।

भेंट के दौरान सांसद श्री साव ने केन्द्रीय मंत्री जावड़ेकर को अवगत कराया कि अचानकमार वन को टाइगर रिजर्व क्षेत्र बने 10 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन इस क्षेत्र में बसे गांवों का विस्थापन अब तक पूरी तरह से नहीं हो पाया है। वर्तमान में कोर जोन में बसे 19 गांव और बफर जोन में बसे 8 गांव सहित कुल 27 गांवों का विस्थापन किया जाना बाकी है। श्री साव ने कहा कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आने वाले गांवों में निवासरत् आबादी और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए इन गांवों का अतिशीघ्र विस्थापन किया जाना नितांत आवश्यक है।

गृहमंत्री से की बिलासपुर में नेशनल पुलिस कालेज खोलने की माँग 

वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह से सौजन्य भेंट के दौरान सांसद श्री साव ने कहा कि भारत सरकार ने नेशनल पुलिस एण्ड फारेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना कराने का निर्णय लिया है। इस क्रम में छत्तीसगढ़ में भी एक नेशनल पुलिस कालेज खोला जाना प्रस्तावित है। श्री साव ने कहा कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहाँ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का जोनल मुख्यालय, एसईसीएल मुख्यालय, गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, एनटीपीसी सीपत, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल कैम्प, दूसरी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल सकरी आदि महत्वपूर्ण संस्थान संचालित हैं। इसलिए नेशनल पुलिस काॅलेज की स्थापना न्यायधानी बिलासपुर में ही की जानी चाहिए। इसके लिए सांसद ने केन्द्रीय गृहमंत्री से सकारात्मक पहल करने की माँग की।

कोलमाइंस में अब वैज्ञानिक तकनीक से बनेंगे बांध

क्षेत्रीय सांसद श्री साव ने कोयला एवं इस्पात संबंधी स्थायी समिति के सदस्य बतौर कोरबा जिले की दीपिका माइंस में बाढ़ का पानी भर जाने के कारण कोयला एवं बिजली उत्पादन प्रभावित होने का मुद्दा लोकसभा में उठाया था। सांसद द्वारा पूछे गए सवाल का लिखित जवाब देते हुए केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद  जोशी ने स्वीकारा है कि गत 29 सितम्बर को हुई लगातार बारिश के कारण कोरबा जिले की  सरभोंडी-रेंकी साइड के करीब स्थित लीलागर नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और कोलमाइंस में बाढ़ का पानी भर गया। इससे कोयला उत्पादन ठप्प पड़ गया। भारी मशक्कत के बाद स्थिति सामान्य हुई। माइंस में बाढ़ का पानी भर जाने से एनटीपीसी सीपत को कोयले की आपूर्ति नहीं की जा सकी, जिससे  विद्युत उत्पादन का प्रभावित हुआ। हालाँकि बाद में कोल आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की गई। केन्द्रीय मंत्री श्री जोशी ने बताया है कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने नए एचएफएल के ऊपर बांध बनाया जा रहा है। इसे पत्थर डाल कर वैज्ञानिक तकनीक से तैयार कराया जा रहा है। यह कार्य आगामी एक वर्ष में पूर्ण हो जाएगा।

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