छत्तीसगढ़बिलासपुर

बच्चों को सप्ताह में दो दिन पौष्टिक लड्डू एवं शिशुवती माताओं को दिया जा रहा है गर्म भोजन…

बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य में कुपोषण समाप्त करने के लिए 02 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान शुरू किया गया। इस अभियान से कुपोषण की दर में गिरावट आई है। मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गई यह योजना बच्चों की सेहत सुधारने में कारगर साबित हो रही है। सुपोषण अभियान से वर्तमान पीढीं की सेहत तो संवर ही रही है साथ ही स्वस्थ समाज के निर्माण में भी यह योजना मददगार बन रही है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत पूरक पोषक आहार के अतिरिक्त जिले के कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर पौष्टिक लड्डू एवं शिशुवती माताओं को गर्म भोजन प्रदान किया जाता है। वर्ष 2018 में जहां कुपोषण का प्रतिशत 20.68 प्रतिशत था, वहीं 2021 में यह घटकर 13.97 प्रतिशत रह गया है अर्थात कुपोषण में 6.71 प्रतिशत की कमी आई है। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रथम चरण के सफल क्रियान्वयन के परिणाम स्वरूप 26 हजार 816 कुपोषित बच्चों में से 14.41 प्रतिशत बच्चें कुपोषण से बाहर आ चुके है। द्वितीय चरण के तहत 19 हजार 602 कुपोषित बच्चों में से 18.71 प्रतिशत बच्चें कुपोषण से बाहर आ चुके है। तृतीय चरण सितम्बर 2021 से मार्च 2022 तक प्रारंभ किया जा चुका है। जिसके अंतर्गत 6 माह से 5 वर्ष की आयु तक के बच्चों को पौष्टिक लड्डू सप्ताह में दो दिन एवं समस्त शिशुवती माताओं को गर्म भोजन आगनबाड़ी केंद्र में दिया जा रहा है।

जिले में सुपोषण अभियान के तहत कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक द्वारा हितग्राहियों के घर जाकर नियमित जांच की जाती है। कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र द्वारा लाभान्वित किया जाता है। मुख्यमंत्री बाल संदर्भ शिविर में बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच किया जाता है। सुपोषण चैपाल के माध्यम से सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दिवस के माध्यम से जनजागरण एवं स्वास्थ्य के प्रति निरंतर सचेत करने का प्रयास आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया जा रहा है। कोविड 19 महामारी के दौरान लाॅकडाउन अवधि में भी हितग्राहियों के घर जाकर नियमित पोषण आहार रेडी टू ईट एवं सूखा राशन का नियमित वितरण किया गया।

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