बिलासपुर

राजस्थान से आए 2247 बच्चे सकुशल पहुंचे छत्तीसगढ़, अब 14 दिनों तक रहेंगे क्वारैंटाइन में

बिलासपुर के 611 रायपुर में और दुर्ग के 409 बच्चे रहेंगे बिलासपुर में

बिलासपुर। कोटा राजस्थान से बच्चे तो सकुशल लौट आएं हैं लेकिन 14 दिन अभी उनको परिवार से दूर रहना पड़ेगा। बिलासपुर के 611 बच्चे रायपुर में और दुर्ग के 409 बच्चे बिलासपुर के क्वारैंटाइन सेंटर में रहेंगे। प्रशासन ने पूरी व्यवस्था कर ली है। विधायक शैलेश पांडेय अधिकारियों के साथ सभी सेंटर का निरीक्षण किया और कहा सभी सेंटर में समुचित व्यवस्था है। उम्मीद है बच्चों को तकलीफ नहीं होगी।

कोटा कोचिंग के लिए गए बच्चे आखिर भारी जद्दोजहद के बाद छत्तीसगढ़ लौट आए। मध्य प्रदेश में तो बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद सीधे उनके परिजनों को सौंप दिया गया लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने साफ कर दिया कि हम कोई रिस्क नहीं लेना चाहते और बच्चे 14 दिन तक क्वारैंटाइन में रह सकते हैं। उनको कोई असुविधा नहीं होगी। बच्चों के पालकों का क्वारैंटाइन सेंटर में मिलने जुलने के लिए कोई दबाव न बने इस बात को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर के बच्चों को क्वारैंटाइन में रायपुर में रखा गया है और दुर्ग के बच्चे बिलासपुर में रहेंगे।

राजस्थान के कोटा से आने वाले सभी छात्र-छात्राओं का कारवां बिलासपुर के सकरी रोड स्थित जैन इंटरनेशनल स्कूल पहुंच गया है। वहां बिलासपुर के विधायक शैलेश पांडेय, जिला व पुलिस प्रशासन तथा नगर निगम के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। यहां पहुंचने के बाद सभी बसों को सेनेटराइज किया गया। वहीं सभी छात्र-छात्राओं की एक-एक करके स्क्रीनिंग की गई। सभी का तापमान लिया गया और स्वास्थ्य की बारीकी से जांच की गई। इसके बाद इनमें से कई बच्चों को यहीं जैन इंटरनेशनल स्कूल में 14 दिनों तक क्वारैंटाइन करके रखा जाएगा।

इसलिए हुई खान-पान में अव्यवस्था

कोटा से 2247 बच्चों सहित पुलिस, स्वास्थ्य और अधिकारियों का दल 26 अप्रैल की रात्रि 8 बजे के करीब कोटा से रवाना हुआ तब सभी बच्चों को भोजन कराने के बाद सुबह के नाश्ते का पैकेट दिया गया। 27 अप्रैल की दोपहर मध्यप्रदेश के सागर पीटीएस में हल्का भोजन की व्यवस्था की गई थी। बच्चों को यह बता दिया गया था कि मध्य प्रदेश सरकार और कवर्धा कलेक्टर अवनीश शरण की ओर से लखना दवन में शाम के भोजन की व्यवस्था है। लंबे सफर से आ रहे बच्चे यहां पीटीएस में फ्रैश होने लगे। इसमें लगभग 3 घंटा अतिरिक्त समय लग गया। निर्धारित समय के मुताबिक शाम 5 बजे सभी को लखना दवन पहुंचना था। वे रात्रि 10 बजे के बाद वहां पहुंचे। कवर्धा कलेक्टर ने 3 हजार से अधिक खाने का पैकेट भेजे, वह गर्मी व विलंब हो जाने के कारण खराब हो गया। खाना खराब हो जाने की जानकारी जब मिली तब चिप्स, बिस्किट आदि की व्यवस्था की गई। इसी वजह से रात्रि के भोजन में अव्यवस्था जैसी स्थिति निर्मित हुई।

बच्चों को शहर के बाकी जिला प्रशासन और नगर निगम द्वारा तैयार किए गए क्वारैंटाइन सेंटरों के लिए भेजा जाएगा। यहां जो छात्र छात्राएं पहुंचीं हैं उनमें 175 के लगभग छात्राएं हैं। इन बच्चों को लेने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों का जो दल गया था उन्हें भी 14 दिनों के लिए क्वारैंटाइन किया जाएगा। उनके भी स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। 14 दिनों के क्वारैंटाइन अवधि में इनके परिजनों से इन्हें मिलने नहीं दिया जाएगा।

जैसा कि मालूम है छत्तीसगढ़ के ढाई हजार से भी अधिक बच्चों के साथ दुर्ग जिले के यह बच्चे भी राजस्थान के कोटा में लाभ डाउन घोषित होने के समय से ही फंसे हुए थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी बच्चों को सकुशल राज्य में जाकर 14 दिन की क्वारैंटाइन अवधि के बाद उनके उनके परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। बिलासपुर में जैसे दुर्ग के छात्र-छात्राओं को रखा गया है। उसी तरह बिलासपुर के कोटा राजस्थान से लाए गए बच्चे रायपुर में क्वारैंटाइन किए जा रहे हैं।

Back to top button