मध्य प्रदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भा गया एमपी की लहरी बाई के बीज बैंक के मुरीद हुए पीएम नरेंद्र मोदी

भोपाल/डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले के बैगा चक की बैगा महिला लहरी बाई का बीज बैंक इन दिनों देशभर में चर्चित हो रहा है। विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के बीज बचाने की पहल ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी प्रभावित किया है। पीएम ने ट्वीट कर लहरी बाई द्वारा विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के बीज बचाने की प्रशंसा कर अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक बताया है।
ज्ञात हो कि, केंद्रीय बजट में मोटे अनाज को ग्लोबल पहचान दिलाने की पहल के बाद से ही डिंडौरी जिले के बैगाचक निवासी लहरी बाई की चर्चाएं प्रदेश भर में होने के साथ अब प्रधानमंत्री तक पहुंच गई है। पीएम मोदी ने एक वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा- लहरी बाई पर गर्व है, जिन्होंने ‘श्री अन्न’ के प्रति उल्लेखनीय उत्साह दिखाया है। उनके प्रयास कई अन्य लोगों को प्रेरित करेंगे। मिलेट्स उत्पादन में मध्यप्रदेश अभी देश में दूसरे नंबर पर है। पहला नंबर है छत्तीसगढ़ का, छत्तीसगढ़ की सीमा से ही लगा है एमपी का डिंडौरी जिला। ये जिला मिलेट्स उत्पादन में प्रदेश में पहले नंबर पर है। दरअसल, ये अनाज समय के साथ आम आदमी की थाली से गायब होते चले गए। अब पीएम नरेंद्र मोदी की अपील पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस साल को मिलेट्स ईयर घोषित किया है। उम्मीद की जा रही है कि भारत दुनिया में मिलेट्स के उत्पादन की अगुवाई कर सकता है और इसमें मध्यप्रदेश की भूमिका इसमें अग्रणी हो सकती है।
25 से अधिक प्रजाति के मोटे अनाज को बचाने की कच्चे घर से ही कर रही पहल
दरअसल, बैगा जाति की 27 वर्षीय लहरी बाई मोटे अनाज की विलुप्त होती प्रजाति को बचाने के लिए विगत एक दशक से कार्य कर रही हैं। लहरी बाई ने अपने कच्चे झोपड़े में ही मोटे अनाज की 25 से अधिक विलुप्त प्रजाति के बीज का बैंक तैयार किया है। वे अपने गांव सहित आसपास के दो दर्जन से अधिक गांव के किसानों को अनाज के बदले यह बीज उपलब्ध कराती हैं।
पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है सुपर फूड
मिलेट्स यानी मोटे अनाज को सुपर फूड भी कहा जाता है, क्योंकि ये पोषक तत्वों का खजाना हैं। मोटे अनाज कैल्शियम, आयरन, जिंक, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे खनिजों का समृद्ध स्रोत होते हैं। इसमें आहार फाइबर और विटामिन जैसे फोलिक एसिड, विटामिन बी-6, बीटा कैरोटीन और नियासिन पर्याप्त मात्रा में होती है। उच्च मात्रा में लेसिथिन की उपलब्धता तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने के लिए उपयोगी होती है। बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इसे ‘श्रीअन्न’ कहा और इसके उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी गत दिनों यह कहकर कि डिंडौरी जिले में मोटे अनाज के प्रसंस्करण को लेकर पहले से ही कार्य चल रहा है, इन चर्चाओं को और बल दे दिया है।
जिले में मोटे अनाज का रकबा बढ़ाने की तैयारी में जुटा प्रशासन
केंद्र सरकार की मोटे अनाज को ग्लोबल पहचान दिलाने की पहल के बाद डिंडौरी कलेक्टर ने भी जिले में मोटे अनाज की बोवनी का रकबा और बढ़ाने की तैयारी तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ने भी इसे विस्तार देने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि लहरी बाई को कलेक्टर विकास मिश्रा ने गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि भी बनाया था। जिले में यह पहला अवसर था, जब किसी बैगा महिला को गणतंत्र दिवस के समारोह में मुख्य अतिथि बनाकर मंच पर बैठाया गया था।
बीज बैंक में विलुप्त प्रजाति के यह बीज हैं उपलब्ध
जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर स्थित बैगा चक गांव में एक छोटे से घर में ही लहरी बाई बीज बैंक चला रही हैं। ने अपने आवास में मिट्टी की कोठी बनाकर बीज को संरक्षित रखा गया है। इसमें अनाज की उन किस्मों के बीज हैं, जो लोगों की थाली ही नहीं, खेतों से भी गायब हो गए हैं। बैंक में तीन प्रकार के विलुप्त सलहार के बीज सहित बड़ी कोदो, लदरी कोदो, छोटी कोदो, बहेरा कोदो, सफेद कुटकी, बड़ी डोंगर, लाल डोंगर, सिताही, नागदमन, मदेली, चार कुटकी, छोटी कुटकी, बिटनी कुटकी, सावा, भालू, कुशवा, छिदी, मढ़िया लाल, गोदपारी, चावर, मामुठा, सलहार बैगा, ऐंठी, काढा, काग भूरसा, सफेद, लाल कलकी, करिया कलकी, बैगा राहर, झुझर, बिदरी, हिरवा, मुतख आदि बीज भी महिला के बीज बैंक में उपलब्ध हैं। यह अनाज अब वैगा चक क्षेत्र में दिखने लगा है।
कलेक्टर बोले…
डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि लहरी बाई के पास विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के 25 से अधिक प्रजाति के बीज हैं। लहरी बाई विगत 10 वर्ष से आसपास के 25 गांव के आदिवासी किसानों को अनाज के बदले यह बीज उपलब्ध कराती आ रही हैं। इस पहल से विलुप्त होती प्रजाति के अनाज अब भी लोगों के पास हैं। लहरी बाई ने बीज बैंक भी बना है। यह बहुत उल्लेखनीय पहल है। जिले में मोटे अनाज की पैदावार और बढ़ाने को लेकर विशेष कार्ययोजना बनाते हुए पहल की जा रही है।

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