बिलासपुर

तन मन की थकावट मिटाने का साधन  शक्तिशाली ध्यान – ब्रह्माकुमारी  मंजू दीदी…

बिलासपुर l सृष्टि का संचालन कर्ता परमपिता परमात्मा वास्तव में करन-करावनहार है लेकिन जब हम समझते हैं कि ‘मैं’ कर रहा हूं तो बोझिल हो जाते हैं इसलिए हमें  सदैव यह याद रखना चाहिए कि कराने वाला ईश्वर है और परिस्थितियों के बीच भी अपनी  बुद्धि  को  हल्का जरूर रखना चाहिए। साथ ही कर्म और परमात्म स्मृति का संतुलन दुआएं व आशीर्वाद दिलाता है यह भी ध्यान रखना चाहिए l कर्मयोगी बनकर किया गया कार्य मन व तन को थकने नहीं देता। जीवन में आगे बढ़ने के लिए बुद्धि को सदैव तरोताजा रखना  आवश्यक है इससे कोई भी कार्य हम बहुत कम समय में और सफलतापूर्वक कर सकते हैं हमें अपनी दिनचर्या में बुद्धि हमेशा तरोताजा रहे इस पर भी ध्यान देना हैl बिजी होते हुए भी थकावट मिटाने का विशेष साधन हर घंटे या एक-दो घंटे के बीच केवल 1 मिनट परमात्मा की शक्तिशाली याद का अभ्यास है। उक्त बातें टिकरापारा सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदीजी ने 2 दिन के तपस्या कार्यक्रम के दौरान  परमात्म महावाक्य  से साधकों को अवगत कराते हुए  कहीं l

तपस्या कार्यक्रम की जानकारी देते हुए दीदी ने आगे बताया कि टिकरापारा स्थित प्रभु दर्शन भवन में 2 दिन की विशेष ऑनलाइन तपस्या भट्ठी का कार्यक्रम चला जो कि इंदौर जोन  के द्वारा आयोजन किया गया था l यह कार्यक्रम विशेष वरिष्ठ राजयोगिनी कमला दीदी जी निर्देशिका इंदौर जोन, राजयोगिनी हेमा दीदी इंदौर, राजयोगिनी आशा दीदी भिलाई, राजयोगिनी उषा दीदी उज्जैन, राजयोगिनी करुणा दीदी जी के सानिध्य में संचालित हुआl तपस्या की सुगम पथ पर चलने वाले साधकों को सहजता से जीवन में आगे बढ़ने हेतु अपने  हुनर साझा करने अनुभवी राजयोगिनी बीके गोपी दीदी लंदन से जुड़ी रही। उन्होंने बताया कि जितना हम किसी को याद करते हैं उसका स्वभाव, उसका स्वरूप याद करते हैं उसके संस्कार हमारे अंदर एक्टिवेट हो जाते हैं इसलिए हमें अपनी बुद्धि को दिव्य बुद्धि बनाने की आवश्यकता है, चित्त को शांत रखने की आवश्यकता है इसके लिए पुरानी बातों को, पुराने संस्कारों, पुरानी आदतों को छोड़ना होगा और छोड़ने की सही विधि है अपनी ब्रेन को समझाना होगा छोड़ो तो छूटो l

अपने मन से बातें करें बीता हुआ समय है वह वापस नहीं आता  तो कहां तक पुरानी बातों को  याद करके अपने आप को भारी करते रहेंगे और अपने आप को समझाना होगा।अपनी भावनाओं को शुद्ध करना होगा, दृढ़ संकल्प और परमात्मा की याद से हम ऐसा कर सकते हैं। अपना संबंध परमात्मा से इतना गहरा हो कि उसके दिव्य संस्कार हमारे अंदर हमेशा एक्टिवेट होते रहें l  किसी दूसरे के कर्म को देख कर कभी हम हस्तक्षेप ना करें, साक्षी रहे l

माउंट आबू से जुड़े ब्रह्मा कुमार रुपेश भाई ने कहा की वर्तमान समय की आवश्यकता सृष्टि व प्रकृति को परिवर्तन करने हेतु पवित्रता अर्थात पवित्र प्रकम्पनों की हैं। मुंबई गामदेवी से ब्रह्माकुमारी  नेहा दीदी ने एकाग्रता की विधि बताई व मेडिटेशन का अभ्यास कराया, माउंट आबू ज्ञान सरोवर के  ब्रह्माकुमार रोहित भाई ने क्रिएटिव मेडिटेशन का अभ्यास कराया l अंत में सभी साधकों को वरदान और प्रभु प्रसाद दिया गया टिकरापारा प्रभु दर्शन भवन में उपस्थित भाई बहनों ने व ऑनलाइन जुड़े सभी संस्था के सदस्यों ने इस तपस्या कार्यक्रम का बहुत गहरा लाभ लिया व आत्मिक उन्नति के लिए ऐसे कार्यक्रम भविष्य में पुन :बनें इस पर जागरूकता दिखाई l

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