लेखक की कलम से

न्योता…

(लघुकथा)

मैंने उसे अपने घर आने का न्योता दिया। उसने कोरोना का डर दिखाया। इसी को न आने का कारण बताया। रखना बचाव मुझे समझाया।

अगले ही दिन उसे एक उच्चाधिकारी का न्योता आया। उसने तुरंत आने की हामी भरी। उसने कोरोना को बताया। काम पड़ सकता है अधिकारी से उसे समझाया।

कोरोना ने उसे बस एक दिन की मोहलत दी है।

 

©डॉ. दलजीत कौर, चंडीगढ़                

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