लेखक की कलम से
मुक़द्दर …
मुकद्दर को भी बदलना होगा
प्रभु को भी अब आना होगा
कितने सहे यहाँ लोगो ने ज़ुल्म
सबका अभिकलन करना होगा।।
©अर्पणा दुबे, अनूपपुर
मुकद्दर को भी बदलना होगा
प्रभु को भी अब आना होगा
कितने सहे यहाँ लोगो ने ज़ुल्म
सबका अभिकलन करना होगा।।
©अर्पणा दुबे, अनूपपुर