लेखक की कलम से

साइबर क्राइम महिलाओं के खिलाफः मानसिक से शारिरिक शोषण ….

आज के दौर में सोशल मीाडिया का असर हमारे निजी जीवन में बढ़ता जा रहा है। सभी लोग फेसबुक, वॉट्सएप के साथ कई अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे है।फलस्वरूप महिलाओं पर फब्तियाँ कसी जा रही हैं।साइबर क्राइम समाज में कुछ कुत्सित मानसिकता, संकीर्ण सोच या बदले की भावना रखने वाले लोगों के कारण बढ़ता ही जा रहा। इसका आरंभ दोस्ती कर,बातचीत बढ़ाते,फोटोज मांगते, प्राइवेट बातें जान कर,ब्लैकमेल करते,फिर पैसे की डिमांड करते हैं।अश्लील बातें करना,गंदे कमेंट करना,फोटोज का गलत इस्तेमाल करना,वीडियो काल इत्यादि आजकल साइबर क्राइम में मामूली सी बात हो गयी है।सोसल साइटस पे मित्रता बढ़ाने से पहले उसकी वास्तविकता जान ले और वास्तविकता जाने पर भी सावधानी बरतें, क्योंकि आज टेक्नोलोजी के इस दौर में फोन टैप करना, बातचीत रिकॉर्ड करना, लोकेशन ट्रैक करना और फोटो का गलत इस्तेमाल करना बहुत ही आसान हो गया है। साइबर क्राइम मानसिक शोषण को जन्म देता है,जिसके कारण महिलाओं में अवसाद,ब्लड प्रेशर ,एंजाइटी, हार्ट सम्स्या और थायराइड की परेशानियां बढ़ रही है। मानसिक शोषण के साथ साथ शारीरिक शोषण भी हो सकता है। साइबर क्राईम केसेस रिपोर्ट नहीं होते अधिकतर दो कारण से।पहला बदनामी और शर्मिंदगी का डर मन में बैठ जाता है और दूसरा इसे गंभीरता से नहीं लेते क्योंकि पता नहीं होता कि कहां शिकायत दर्ज करनी और क्या कानून है।आज साइबर क्राइम के विरुद्ध अनेक वूमेन सहायता सेल और एनजीओ कार्य कर रहे हैं,आप उनसे मदद ले सकते है, क्योंकि ये सवाल है महिलाओं के मान,सम्मान और सुरक्षा का।
©अंशिता दुबे, लंदन   

Back to top button