मध्य प्रदेश

भाजपा सरकार ने आदिवासी भाइयों को वन अधिनियम के अधिकारों से किया वंचित : कमलनाथ

पूर्व सीएम ने दिया वचन : सरकार ने आदिवासियों के जो पट्टे निरस्त किये, वे वापस दिलायेंगे

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को दमोह जिले के जबेरा में जनसभा को संबोधित करते हुये प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया। आदिवासियों का मुद्दा उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि बड़ी संख्या में आज यहां आदिवासी भाई मौजूद हैं, जो वन अधिनियम के लाभार्थी हो सकते थे, परंतु प्रदेश की भाजपा सरकार ने आदिवासी भाइयों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया। दमोह एकमात्र जिला है, प्रदेश में जहां पर आदिवासी भाइयों के 70 प्रतिशत पट्टे निरस्त कर दिए गए। कमलनाथ ने आदिवासियों को वचन दिया कि जिस दिन कांग्रेस सरकार बनेगी, उसी दिन सभी फाइलों को दोबारा खोलकर आपके पट्टे आपको दोबारा लौटाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह अपने को बेटियों का मामा और किसान का बेटा बताते हैं, लेकिन आज स्थिति यह है कि पूरे देश में किसानों की आत्महत्या में मप्र नंबर वन है और बेटियों के साथ होने वाले अत्याचार में भी नंबर वन है।

सभा की शुरुआत करते हुए कमलनाथ ने कहा गोंड समाज की सम्मानित रानी दुर्गावती एवं राजा तेज सिंह की इस भूमि को मैं प्रणाम करता हूं तेजगढ़ यह वीरों की भूमि है यहां आकर मैं स्वयं को धन्य महसूस करता हूं। पिछले चुनाव के पहले मैं जबेरा आया था यहां आकर बेहद खुशी होती है परंतु साथ साथ दुख भी होता है, बड़ी संख्या में आज यहां हमारे नौजवान साथी उपस्थित हुए हैं और सबसे बड़ी चिंता आज प्रदेश में लगभग एक करोड़ नौजवानों के भविष्य की है। आज प्रदेश की तस्वीर सबके सामने हैं आज हमारे दमोह जबेरा पथरिया हटा में सबसे ज्यादा पलायन हो रहा है। मांगों की बात करें तो मेडिकल कॉलेज की लंबे समय से मांग चली आ रही है, शिवराज सिंह चौहान यहां आए थे और मेडिकल कॉलेज की घोषणा करके चले गए, उसके बाद उस घोषणा का क्या हुआ कोई पता नहीं।

किसानों का कर्जा किया था माफ

कमलनाथ ने कहा कि हमने अपनी सरकार में कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने की शुरूआत की थी, उसी दिशा में हमने दमोह जिले में 53 हजार किसानों का कर्जा माफ किया था, हमारे समय में किसानों को लंबी-लंबी कतारों में खाद और बीज के लिए नहीं लगना पडता था, किसानों को उचित मूल्य के लिए नहीं भटकना पड़ता था। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही शिवराज सिंह ने घोषणाओं की बारिश शुरू कर दी है, वे आजकल जेब में नारियल लेकर चल रहे हैं, चुनावी बेला में बहनों की याद आ रही है। उन्होंने पूछा कि 18 वर्षों तक उन्हें बहनों की याद क्यों नहीं आई? उन्होंने सवाल किया कि हमारे अतिथि शिक्षकों से किए हुए वादों का क्या हुआ, संविदा स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल कर रहे हैं उनकी मांगे पूरी क्यों नहीं की जा रही? हमारी आशा कार्यकर्ता बहनें आज दुखी हैं, उनके मानदेय का क्या हुआ?

विधानसभा चुनाव में बीजेपी से बुंदेलखंड और दमोह जिले की उपेक्षा का हिसाब लें

कमलनाथ ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में मात्र 5 महीने बचे हैं, हर चुनाव के अलग-अलग मुद्दे होते हैं, विकास के मुद्दे तो हैं ही, लेकिन सबसे जरूरी है कि बुंदेलखंड और दमोह जिले की जो उपेक्षा की गई है, उसका हिसाब भाजपा से लेना है। इस अवसर पर विधायक अजय टंडन, पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, पूर्व मंत्री राजा पटेरिया, पूर्व विधायक प्रताप सिंह सहित हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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