मध्य प्रदेश

बजरंग दल को लेकर कर्नाटक कांग्रेस के एजेंडे पर गर्मायी मप्र की राजनीति

कमलनाथ ने कहा जो नफरत फैलाए उस पर कार्रवाई हो, सीएम शिवराज, बोले- कांग्रेस की मति मारी गई

भोपाल। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पीएफआई और बजरंग दल जैसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की बात कही है। बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करने और बजरंग दल पर प्रतिबंधित लगाने की कांग्रेस की घोषणा पर भाजपा भड़क उठी है। चुनावी साल में कर्नाटक से उठा यह विवाद मप्र की राजनीति को भी गर्मा रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस की मति मारी गई है, जो वह बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रही है। तो वहीं मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने संतुलित प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो नफरत फैलाए, चाहे व्यक्ति हो या संगठन उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

पांच महीने बाद मप्र, छग, राजस्थान, मिजोरम व तेलंगाना में विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। इससे पहले 10 मई को कर्नाटक में आम चुनाव होने जा रहे हैं। कनार्टक चुनाव में कांग्रेस ने अपने एजेंडे में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर एक नए मुद्दे को उभार दिया है। ऐसे में हिंदुत्व का मुद्दा एक बार फिर चुनाव में उभरता दिख रहा है। इस मुद्दे के सहारे भाजपा को चुनावी नैया पार लगाने की आस नजर आ रही है। अभी तक मप्र की राजनीति में विकास और रोजगार प्रमुख चुनावी मुद्दा बना हुआ है, लेकिन कर्नाटक चुनाव का असर मप्र की राजनीति पर पड़ता दिख रहा है। अगर हिंदुत्व का मुद्दा उभरा तो भाजपा को फायदा होना तय माना जा रहा है।

मौका मिलते ही हिंदुत्व का विरोध करती है कांग्रेस : शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि बजरंग दल प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है। बजरंग दल आतंकवाद का विरोध करता है, लव जिहाद का विरोध करता है। सामाजिक सेवा सहित देशभक्ति के भाव, अपने धर्म और संस्कृति के प्रति स्वाभिमान का और जागरण का भाव पैदा करता है। उसकी तुलना पीएफआइ जैसे आतंकवादी संगठन से की जा रही है। सीएम ने कहा कि ये वही कांग्रेस है, जो अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण का विरोध करती थी। जिसने रामसेतु को काल्पनिक कहा था। कांग्रेस मौका मिलते ही हिंदुत्व का विरोध करती है। आज कांग्रेस का चेहरा पूरी तरह से बेनकाब हो गया है। कौन भूल सकता है कि मप्र में सिमी जैसे संगठन को खाद-पानी कौन देता था। सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध करने वाले, आतंकवादियों को महिमामंडित करने वाले अब बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को भी घेरते हुए कहा कि वह हनुमान के बड़े भक्त बनते हैं। उनकी पार्टी कांग्रेस बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात करती है। उन्हें इस मसले पर जवाब देना चाहिए।

कमल नाथ ने दिया यह जवाब

उधर, दमोह के जबेरा पहुंचे कमल नाथ ने मीडिया से चर्चा में इस मसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- जो नफरत फैलाए, चाहे व्यक्ति हो या संगठन उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। किसी को टारगेट नहीं करना है। जो भी समाज में विवाद या नफरत की बात करे, वो चाहे किसी भी संस्था का हो, कहीं का भी हो, सुप्रीम कोर्ट ही कहती है कि उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ये आज हमारी सामाजिक एकता की बात है।

छग के सीएम भूपेश बघेल बोले- जरूरत पड़ी तो प्रतिबंध लगाने पर सोचेंगे

कांग्रेस के बजरंग दल को बैन करने के वादे से छत्तीसगढ़ की भी सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बजरंग दल पर बैन लगाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘यहां बजरंगियों ने जो गड़बड़ की है, उसको हम लोगों ने ठीक कर दिया है। ज़रूरत पड़ी तो छत्तीसगढ़ में भी बजरंग दल पर बैन लगाने का सोचेंगे। अभी कर्नाटक की समस्या के हिसाब से वहां बैन करने की बात कही गई है।

छग में भी कांग्रेस पर बीजेपी हमलावर

इधर, बजरंग दल को बैन किए जाने की घोषणा के बाद से कांग्रेस पर बीजेपी हमलावर हो गई है। इस पर पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि पीएफआई पर केंद्र सरकार टेरर फंडिंग उजागर होने पर प्रतिबंध लगा चुकी है। देश की कई आतंकी गतिविधियों में पीएफआई की संलिप्तता जग जाहिर है बावजूद कांग्रेस ने सिर्फ सनातन धर्म को अपमानित करने के लिए इस आतंकी संगठन की तुलना धार्मिक संगठन बजरंग दल से करते हुए प्रतिबंध की बात कही है। कांग्रेस पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति में इतनी आगे बढ़ गई है कि वह सनातन हिंदू धर्म को दोयम दर्जे पर रखती है। देश की तरह कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ में भी तुष्टिकरण और धर्मांतरण के एजेंडे पर काम कर रही है।

तुष्टिकरण की राजनीति कांग्रेस के जींस में : विष्णुदत्त शर्मा

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है, क्योंकि वह कांग्रेस के मूल जींस में है। कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात करना भी कांग्रेस की ऐसी राजनीति का हथकंडा है। शर्मा ने कहा कि बजरंग दल देश का एक ऐसा संगठन है, जो सामाजिक दृष्टि से, हमेशा लोगों के साथ खड़ा रहता है और देश तथा समाज के हित में अपनी भूमिका निभाता है। कांग्रेस के लोगों ने पहले भगवान राम को एक काल्पनिक किरदार बताकर उनके अस्तित्व को ही नकारने का प्रयास किया। अब वही कांग्रेस के लोग बजरंग दल पर प्रतिबंध की बात करके बजरंग बली का भी विरोध कर रहे हैं। मप्र में भी दिग्विजयसिंह के इशारे पर चलने वाली कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने तुष्टिकरण के ऐसे ही प्रयास किए थे। कांग्रेस के ये प्रयास निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

क्या है मुद्दा..

कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया। इसमें वादा किया है कि प्रदेश में जाति एवं धर्म के आधार पर नफरत फैलाने वाले बजरंग दल और पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) जैसों संगठनों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।

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