लेखक की कलम से

राम हो या रहमान देश सबसे महान, क़ाफ़िले निकल रहे हैं मेरी शहीदी के …

महिला काव्य मंच शहडोल इकाई के अगस्त माह की गोष्ठी हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता इकाई अध्यक्ष अंजू सिंह बघेल ने किया एवं मुख्य व विशिष्ट अतिथि के रूप में क्रमशः आ॰ नलिनी तिवारी एवं आ॰ नीतू सिंह उपस्थित रहीं। गोष्ठी का आरंभ अंजू सिंह की वाणी वंदना से हुआ एवं संचालन का कार्य शिल्पी शहडोली ने संभाला। गोष्ठी में उपस्थित सभी बहनों ने अपनी रचनाओं में देशभक्ति, सावन, रक्षाबंधन सारे रंग समेट दिए।

किरण सिंह ने “फागुनी होंगी हवाएँ आपके आने से।” तत्पश्चात सरिता सिंह सलिल ने “राम हो या रहमान देश सबसे महान” का पाठ किया। उसी क्रम में छाया गुप्ता ने “काश वापिस वही वैसी मेरी कश्मीर हो जाए” का पाठ किया एवं रेनू श्रीवास्तव की पंक्तियाँ “ये देश दशरथ का आँगन,ये देश कृष्ण का वृंदावन” एवं नलिनी तिवारी की रचना “बदरा जा ए बरस नईहर,कैसी बजर भई बाबुल छतिया” ने भावविभोर कर दिया।

शिल्पी शहडोली की रचना “काफिले निकल रहे हैं मेरी शहीदी के, मेरी शहादत सारा जहाँ रो रहा है” से करुण भाव का संचार हुआ एवं नीतू सिंह की पंक्तियाँ “मुझे गर्व है मैं हूँ एक नारी” तथा कार्यक्रम के अंत में अंजू सिंह की रचना “कलयुग में सतयुग सा जीवन जो जीना सिखलाता है, मेरे बाबा तुलसी का वो मानस कहलाता है” से मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.प्रीति प्रवीण खरे वर्चुअली जुड़ीं। उन्होंने 75 वें स्वतंत्रता दिवस की मंगलकामनाएँ प्रेषित करते हुए शहडोल इकाई की सभी बहनों का उत्साहवर्धन किया।

 

©शिल्पी सिंह बघेल, बड़खेरा, शहडोल        

Back to top button