लेखक की कलम से
हौसला रख …
गीत
मुश्किलों में सदा मुस्कुराते रहो
ये दुखों की घड़ी है, ये कट जायेगी
तुम न थकना न रूकना कभी हार कर
ये अमावस की बदली भी छट जायेगी
कंटकों से भरी है ये जीवन डगर
राह कैसी भी हो चलते रहना मगर
हौसलों में नयी तुम उड़ाने भरो
ये गमों की दुपहरी सिमट जायेगी
मुश्किलों में सदा ……………….
वक्त रहता नहीं एक जैसा कभी
जो गमों की घटा है ये छाई अभी
तुम न डरना सबल आंधियों से कभी
धूल जो है जमी वो भी हट जायेगी
मुश्किलों में सदा …………………
सच के पथ पे जो चलते ही रहते सदा
साथ उनके हमेशा ही रहता खुदा
तुम न डिगना कठिन रास्तों पर कभी
एक दिन सब परेशानी मिट जाएगी
मुश्किलों में सदा ……………….
जिन्दगी जो मिली एक वरदान है
इसके अनुभव से मिलता हमें ज्ञान है
पथ पे चलते रहो पार्थ जैसे चला
एक दिन जीत तुमसे लिपट जायेगी
मुश्किलों में सदा मुस्कुराते रहो ……
©गार्गी कौशिक, गाज़ियाबाद