मुंगेली

मुंगेली का युवा किसान चिरपोटी टमाटर लगाकर ऑर्गेनिक खेती के प्रति कर रहा जागरूक

मुंगेली {अजीत यादव} । छत्तीसगढ़ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में चेरी टमाटर पर शोध चल रहा है। कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि यह किसानों के साथ ही खाने वालों के लिए भी काफी फायदेमंद है। चिरपोटी {चेरी} टमाटर पाचन में और मस्तिष्क संबंधी रोगों को दूर करने में सहायक है।

इसमें पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट दिल संबंधी रोगों को ठीक करने के अलावा शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है। इसका उत्पादन भी आम टमाटर की तुलना में दोगुना है। यह प्रति पौधा 15 से 25 किलो तक उत्पादन देता है। इससे यह किसानों के लिए भी फायदेमंद है।

कृषि विश्वविद्यालय में स्थित सुनियोजित कृषि विकास केंद्र (पीएफडीसी) में प्रमुख अन्वेषक डॉ. जीडी साहू के मार्गदर्शन में चेरी टमाटर की उन्नत किस्म विकसित करने के लिए शोध किया जा रहा है। चेरी टमाटर ग्रीन हाउस या शेड नेट के अलावा खुले मैदानों में भी अच्छी उपज देता है।

शेड नेट व ग्रीन हाउस से प्राप्त टमाटर उच्च कोटि के, अच्छी गुणवत्ता वाले होते हैं। पीएफडीसी में चेरी टमाटर का रोपण शोध प्रक्षेत्र में स्थित शेड नेट में किया गया है। शेड नेट में रोपण के लिए चेरी टमाटर की लता वाली (इनडिटरमिनेट) प्रजाति का चयन किया गया।

इनडिटरमिनेट वे किस्में हैं, जिनमें निरंतर वानस्पतिक वृद्धि के साथ फल-फूल लगते रहते हैं। ये किस्में अक्टूबर में नर्सरी प्रोटे्र में तैयार की गईं। चूंकि इनडिटरमिनेट किस्मों में वानस्पतिक वृद्धि अधिक होती है, इसलिए पौधों का रोपण 60 से 60 सेमी की दूरी पर किया गया।

इस परियोजना में डॉ. जीडी साहू के साथ डॉ. केशव चंद्र राजहंस, डॉ. कन्हैया लाल पटेल, डॉ. ईशु, पूर्णेंद्र कुमार साहू एवं कमलेश सिन्हा कार्यरत हैं।

ये है चेरी टमाटर

चेरी टमाटर सामान्य टमाटर की तुलना में छोटे आकार का होता है। यह लाल, पीला, नारंगी, सफेद, गुलाबी, काला आदि सहित विभिन्न रंग एवं आकार में पाया जाता है। छत्तीसगढ़ में बरसात के दिनों में उगने वाला चिरपोटी टमाटर का संकर (हाइब्रिड) प्रारूप ही चेरी टमाटर है। इसका उपयोग छत्तीसगढ़ में मुख्य रूप से चटनी बनाने के लिए किया जाता है। ये छोटे टमाटर पूर्ण आकार वाले टमाटर की तुलना में मीठा होता है और पोषण संबंधी कई लाभ प्रदान करता है।

चेरी टमाटर के गुण

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक चेरी टमाटर विटामिन ‘ए’, बी-6 सी, के, फॉस्फोरस, मैग्निशियम मैंगनीज, कॉपर, पोटेशियम एवं खाद्य रेशों का एक अच्छा स्त्रोत है। इसमें सूक्ष्मतम मात्रा में सोडियम, वसा व कोलेस्ट्रॉल भी पाया जाता है। चेरी टमाटर सामान्य टमाटर की तुलना में अधिक दामों में बिकता है। ये एक विलायती सब्जी है, जो व्यंजनों में नया स्वाद एवं आकर्षण लाता है।

गमलों में भी उत्पादन

चेरी टमाटर मुख्य भूमि के अलावा गमलों में रोपण के लिए उपयुक्त है। गर्मी में यदि दो चेरी टमाटर के पौधों का रोपण गमलों में कर दिया जाए तो एक परिवार के टमाटर की आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।

पौधों को स्टैकिंग की जरूरत

इनडिटरमिनेट प्रजाति में स्टैकिंग (सहारा) अनिवार्य है। स्टैंकिंग के लिए पौधों को सुतली से बांधने के बाद, सुतली को बांस से बांध दिया जाता है। स्टैकिंग से पौधों में फल वहन करने की क्षमता बढ़ जाती है। फल सतह को स्पर्श नहीं करते हैं, जिससे फल गलन एवं रोगों से मुक्त रहती है। वानस्पतिक वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए पौधों में समय समय पर कटाई-छंटाई करनी चाहिए। छंटाई करते समय 3-4 कमजोर टहनियों को सिकेटियर की सहायता से काटकर अलग करना चाहिए। पौधों में उर्वरक की निर्धारित मात्रा में टपक सिंचाई पद्धति से दी गई।

सलाद के लिए अच्छा

चेरी टमाटर सलाद के लिए अच्छा है। इसके लिए लोकल मार्केट डेवेलप नहीं हुआ है, अच्छा उत्पादन होने पर किसानों के लिए दिक्कत हो जाएगी। यह नेट शेड तकनीक से उत्पादन के लिए अच्छा है। यह ज्यादा गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकता।

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