लेखक की कलम से
बिन प्यासी रातें …
रात के अंधेरे में
सपने अंजोर हो
खुश रहे ये जहां
ऐसा ही भोर हो
पलकों पर सपने लेकर
जा रात नींद अच्छी देकर
ख्वाब बंजारे सा आए
ले चल सपनों की नाव खे कर!
©लता प्रासर, पटना, बिहार
रात के अंधेरे में
सपने अंजोर हो
खुश रहे ये जहां
ऐसा ही भोर हो
पलकों पर सपने लेकर
जा रात नींद अच्छी देकर
ख्वाब बंजारे सा आए
ले चल सपनों की नाव खे कर!
©लता प्रासर, पटना, बिहार