मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी पर लगाई रोक, रिजर्व के बाहर के जंगल यानी रेगुलर फारेस्ट में जारी रहेगी ….

भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी अब नहीं होगी। मप्र के टाइगर रिजर्व के बफर जोन में चल रही नाइट सफारी को बंद करने के लिए पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में सभी टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर को पत्र लिखकर नाइट सफारी पर प्रतिबंध लगा दिया है। पीसीसीएफ ने पत्र में लिखा है कि नाइट सफारी के कारण जंगल के जानवर परेशान होते हैं। हालांकि, उन्होंने पत्र में यह भी लिखा है कि नाइट सफारी को टाइगर रिजर्व के बाहर के जंगल अर्थात रेगुलर फारेस्ट में जारी रखा जा सकता है।

वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि नाइट सफारी के कारण जंगली जानवर बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। रात के समय जब जंगल के अंदर सन्नाटा छा जाता है ऐसे में वाहनों की आवाज और रोशनी जंगली जानवरों के लिए घातक हो सकती है। जंगली जानवर इसके अभ्यस्त नहीं हैं। जंगली जानवर प्राकृतिक रोशनी में रहने के आदी हैं, इसलिए एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) ने मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व में कराई जा रही नाइट सफारी पर आपत्ति जताई है। इस मामले को लेकर एनटीसीए और मप्र वन विभाग के बीच लंबे समय से तकरार चल रही थी, लेकिन जब एनटीसीए सख्त हुआ तो पीसीसीएफ जेएस चौहान ने मप्र के सभी टाइगर रिजर्व को पत्र लिखकर नाइट सफारी बंद करने के लिए कह दिया है।

एनटीसीए और वन विभाग में ये थे मतभेद के बिंदु

  • – पिछले साल एनटीसीए ने वन विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि नाइट सफारी तुरंत बंद करें।
  • – वन विभाग के अधिकारियों ने तर्क दिया है कि एनटीसीए ने ही बफर क्षेत्र में पर्यटन बढ़ाने को कहा है और इसके लिए कुछ गतिविधियां तो संचालित करनी पड़ेंगी।
  • – एनसीटीए ने पत्र लिखा जिसमें पार्कों के प्रबंधन योजना और एनटीसीए से दिए गए दिशा-निर्देशों में नाइट सफारी की व्यवस्था नहीं होने की बात कही गई थी।
  • – वन विभाग के अधिकारियों ने इस पर यह तर्क दिया कि ऐसे तो कोर एरिया में सफारी का भी प्रविधान नहीं है।

सीएम शिवराज ने शुरू की थी ‘बफर में सफर’ योजना

मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवंबर 2020 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से ‘बफर में सफर” योजना शुरू की थी। ‘बफर में सफर” का आकर्षण बढ़ाने के लिए मप्र के टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी भी शुरू कर दी गई। वन विभाग ने शाम सात से रात दस बजे तक बफर क्षेत्र में पर्यटन की अनुमति दी थी, जिसके लिए गाड़ियों की संख्या आठ से दस ही रखी गई थी।

यहां की जा रही थी नाइट सफारी

मप्र के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, कान्हा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, सतपुड़ा और पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन में नाइट सफारी कराई जा रही थी। हालांकि, नाइट सफारी को सबसे ज्यादा सफलता कान्हा टाइगर रिजर्व और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ही मिली।

इनका कहना है…

एनटीसीए ने पार्कों में नाइट सफारी पर आपत्ति की है। यही कारण है कि हमने सभी टाइगर रिजर्व को नाइट सफारी प्रतिबंधित करने के लिए पत्र लिखा है।

-जेएस चौहान, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक, मप्र

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