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… तो सांसद निधि 2 साल तक बैन, वेतन में भी कटौती

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज बड़ा फैसला लिया गया। सरकार के प्रवक्ता व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने बताया कि अभी 2 साल तक सासंद निधि का पैसा स्थगित रखा जाएगा। यानी दो साल तक किसी भी सासंद को सांसद निधि से पैसा नहीं मिलेगा। उनकी इस निधि का पैसा कोरोना फंड में जमा होगा।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी सांसदों को एक साल तक 30 प्रतिशत कम वेतन दिया जाएगा। इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति भी कम वेतन लेंगे। अब दो साल तक नहीं मिलेगा। केंद्रीय कैबिनेट में लिए गए फैसले के संबंध में मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि वेतन कटौती को लेकर राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और राज्यपालों ने भी सहमति पत्र प्रदान किया है। उनके भी तन्ख्वाह से 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी।

मालूम हो कि सांसदों को हर साल अब स्थानीय क्षेत्र विकास फंड के रूप में एक साल में पांच करोड़ रुपए मिलता है। इस लिहाज से हर सांसद को दो वित्तीय वर्ष में 10 करोड़ रुपए नहीं दिए जाएंगे। इसका क्षेत्र में असर यह होगा कि सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र में गांव से लेकर शहर और प्रमुख जरुरतों को अपने हिसाब से अपने निधि से पूरा करते थे। सांसदों के पास लोगों का जमावड़ा भी इसलिए भी होता था। अब 2 साल यदि सांसद निधि नहीं मिला तो क्षेत्र में सांसद आखिर किस हिसाब से लोगों की जरुरतों को पूरा करेंगे। छत्तीसगढ़ में यदि देखें तो 11 में 2 सांसद कांग्रेस के हैं, बाकी 9 भाजपा के हैं। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में विपरित परिस्थिति में ये क्या करेंगे।

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