लेखक की कलम से

सवाल नाक का …

व्यंग्य

 

नाक बहुत बड़ी समस्या है इस देश में। हर बात में नाक का सवाल। ना नाक होती ना महाभारत होता। दुनिया के आधे से ज्यादा लफड़े नाक की वजह से। नाक ना हुई लुगाई हो गई ससुरी। कुछ कहा किसी ने, आदमी फौरन उसके कहे-सुने को अपनी संवेदनशील नाक के बैरोमीटर से चेक करता है। यदि लगता है नाक पर बन आयी है तो फौरन बुरा मान जाता है। नाक-भौं चढ़ा लेता है। लड़ मरता है नाक के कारण। मार देता है सामने वाले को।

हांलाकि सब ऐसे नहीं होते। कही-सुनी को नाक पर बैठी मख्खी की तरह हटा देते हैं। कोशिश करते हैं सामने वाले को समझने की, छोटी-मोटी कहा-सुनी भूल जाते हैं। माफ़ कर देते हैं और खुश रहते हैं पर समस्या उनसे है जो हर पल अपनी नाक की रक्षा के लिये कमर कसे रहते हैं। जिनकी नाक हैंडल विथ केयर टाइप की होती है, क़ायदे से इन्हें अपनी नाक पूरी हिफ़ाज़त से अपने घर में किसी शो केस में, लॉकर में संभाल कर रखना चाहिये पर पता नहीं क्यों वो ऐसी नाज़ुक सी चीज को मुंह पर लिये घूमते हैं। छुई और छन्न से टूटी। और जब भी ऐसी ग़लती कर बैठते हैं आप, सामने वाला आपकी भी नाक तोड़ने पर उतारू हो जाता है।

मज़ा तो तब आता है जब दो नुकीली नाकें आपस में उलझ बैठतीं हैं। आपने डिस्कवरी चैनल पर बारहसिंगों को लड़ते देखा है ना। ठीक वैसा ही दृश्य उपस्थित हो जाता है। सर से टक्कर मारते हैं ये आपस में, अपने सींग उलझा बैठते हैं अब ये तो पता नहीं कि इनकी नाकें सहीं सलामत रह पातीं हैं या नहीं पर ये सामने वाले के साथ अपने भी सींग तो तुड़वा ही बैठते हैं। पूरी घास फोकट में रौंद देते हैं सो अलग।

लम्बी नाक वाले वैसे भी बड़े नुकीले होते हैं। ये खुद तो हमेशा राणा सांगा की तरह घायल बने ही रहते हैं सामने वाले की नाक काटने की फ़िराक़ में भी नंगी तलवार लिये फिरते हैं। ना काट पायें तो सामने वाले से नाक रगड़वाये बिना इनके कलेजा ठंडा नहीं होता। ये आपकी किस बात को कब नाक का सवाल बना लेंगे, आपकी नाक में दम कर देंगे, कुछ कहा नहीं जा सकता।

अब ऐसे लोगों से कैसे बचें। तो पहला तरीक़ा तो ये है कि नाक वालों से सुरक्षित दूरी बनाये रखें, अपनी नाक की सीध में ही चलते रहें। ऐसे लोग वैसे ही मशहूर होते हैं, सब जानते हैं उन्हें कि बड़ा नकचढ़ा है। तो ऐसे ऊंची नाक वालों को उनकी नाक के साथ अकेला छोड़ दे। सामने पड़ ही जाये ऐसे लोग तो नपी तुली बात करें। असहमति दर्ज करने से बचें। हां- हूं से काम चलायें। अपनी नाक की चिंता करें। किसी बड़े आदमी की नाक के बाल भलें हो आप पर उनके मामले में नाक घुसेड़ने से बचें।

समझदारी तो इसमें ही है कि आप अपनी छोटी-मोटी नाक की स्वयं रक्षा करें और नाक वालों के झगड़े से दूर बने रहें। उनका क्या है बड़े आदमी हैं। नाक कट भी जायेगी तो दुबारा ऊग आयेगी आपकी गई तो गई। मज़े लेंगे सब आपके। नाक है तो ज़हान है। संभले रहियेगा।

©डॉ. सोमनाथ यादव, बिलासपुर, छत्तीसगढ़

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