लेखक की कलम से
कविता …
हर माँ की लोरी है कविता
पालने की डोरी है कविता
पंछियों का शोर है कविता
झांकती सी भोर है कविता
चूड़ियों की खन-खन है कविता
पायल की छन-छन है कविता
बहन के प्यार में है कविता
पिता के दुलार में है कविता
कभी इज़हार है कविता
कभी इनकार है कविता
प्रकृति के कण-कण में है कविता
सृष्टि के तृण-तृण में है कविता
कवि का श्रृंगार है कविता
मानों तो सम्पूर्ण संसार है कविता …
©अनुपम अहलावत, सेक्टर-48 नोएडा