मध्य प्रदेश

एमपी को ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है पीएफआई, कट्टरपंथ के लिए दे रहा सैलरी …

भोपाल. मध्य प्रदेश में एनआईए द्वारा की गई पीएफआई के ठिकानों पर छापामारी और गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपियों से चौकाने वाले खुलासे होने लगे हैं। मामले की जंच में जुटी एनआईए के अनुसार, देश का दिल कहा जाने वाला मध्य प्रदेश आतंकियों के निशाने पर था। इसके पीछे वजह ये थी कि, मध्य प्रदेश इन आतंकी संगठनों के लिए सॉफ्ट टारगेट था। यहां सिमी, जेएमबी, सूफा, आईएस समेत कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं। एनआईए ने इंदौर और उज्जैन में छापे मारकर पीएफआई के प्रदेश मुखिया समेत 4 लीडर को गिरफ्तार किया गया है।

पीएफआई मध्यप्रदेश को ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था. युवाओं को इसके लिए सैलरी दी जा रही थी। यहां पीएफआई का एक बड़ा नेटवर्क सामने आ रहा है। इनमें पांच जिले हॉट स्पॉट बन चुके हैं। बहुत कम समय में पीएफआई अपने हजारों युवा सदस्य बना चुका है। इन सदस्यों को सैलरी देकर उन्हें देश विरोधी गतिविधियों के लिए तैयार कर रहा था। जानकारी के अनुसार, प्रदेश में पीएफआई के 6 हजार सदस्य एक्टिव हैं। वहीं इंदौर, उज्जैन समेत पूरे मालवा क्षेत्र में ही इनके ढाई हजार सदस्य सक्रिय हैं।

पक्के सबूत मिलने के बाद अब केंद्र की एजेंसियां इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जुट गई हैं। एनआईए ने भोपाल में अपना कार्यालय खोल लिया है। प्रदेश में पहले से सक्रिय आतंकी संगठनों से पीएफआई के कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं। एनआईए ने गुरुवार को देशभर में छापा मारकर पीएफआई के 100 से ज्यादा सदस्यों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इनके पास से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

मध्य प्रदेश के उज्जैन और इंदौर से भी पीएफआई के 4 लीडर्स को गिरफ्तार किया गया था। ये पदाधिकारी मध्यप्रदेश में पीएफआई का नेटवर्क मजबूत कर रहे थे। आरोप है पीएफआई कट्टरवादी विचारधारा के प्रचार प्रसार के लिए युवाओं को ट्रेनिंग देता था। ट्रेनिंग के बाद एक व्यक्ति को 7 हजार से 40 हजार रुपए तक सैलरी के रूप में दिए जाते थे। 2 महीने के बीच यह राशि प्रचार प्रसार करने वाले व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर की जाती थी। ये पैसा किताबें, पर्चे तैयार करने, इसे बांटने, इंटरनेट और आने जाने के लिए खर्च किया जाता था।

मध्य प्रदेश के 25 जिलों में पीएफआई का नेटवर्क फैल चुका है। 5 जिले श्योपुर, बुरहानपुर, इंदौर, उज्जैन, खंडवा जिले हॉट स्पॉट हैं। इस संगठन की जेएमबी और सिमी आतंकी संगठन से कनेक्शन की जांच की जा रही है। 5 जिलों में मजबूत नेटवर्क होने के साथ पीएफआई का पूरे मध्यप्रदेश में सदस्यता अभियान चल रहा था। इतने कम समय में इसके हजारों सक्रिय सदस्य बनाए जा चुके हैं। हालांकि इन सदस्यों के किसी तरह की आतंकी घटना में शामिल होने के फिलहाल कोई सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन देश विरोधी गतिविधियों के कारण पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया प्रदेश और केंद्र की जांच एजेंसियों के निशाने पर था। एक तरह से देश विरोधी अभियान चलाने के लिए संगठन एक समुदाय के लोगों को भड़काने का काम कर रहा था।

पूछताछ में सामने आया है कि, पीएफआई का पहला टारगेट गरीब और आदिवासियों पर था, इन लोगों को ये आसानी से अपनी बातों के फैर में ले लिया करते थे। यही नहीं, ये लोग मॉर्निंग वॉक ग्रुप बनाकर युवाओं का ब्रेनवाश करने का काम किया करते थे। कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार कर युवाओं को देश के खिलाफ बरगलाने का काम करते थे। इंदौर-उज्जैन से गिरफ्तार पीएफआई के चारों लीडर से पूछताछ अभी आगे भी जारी है। वहीं, एनआईए का मानना है कि, पकड़े गए आरोपियों से कई और चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

उधर, एनआईए ने जयपुर कोर्ट में आतंकी संगठन सूफा से जुड़े 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की। इनमें मुख्य आरोपी इमरान सहित 10 आरोपी मध्यप्रदेश के रतलाम के रहने वाले हैं। एनआईए की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। ये सभी खूंखार आतंकी संगठन सूफा से प्रभावित थे। मुख्य साजिशकर्ता इमरान मीटिंग और ट्रेनिंग करवाता था। 30 अप्रैल 2022 को 11 आरोपियों के पास से विस्फोटक सामग्री जब्त की गयी थी। ये सभी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार किए गए थे।

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