मध्य प्रदेश

जीआई टैगिंग से प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को मिलेगी नई पहचान : कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री भार्गव

इन्वेस्टर्स समिट में जीआई टैगिंग के लिये हुआ त्रि-पक्षीय अनुबंध

भोपाल। मध्यप्रदेश के स्थानीय उत्पाद जीआई टैगिंग के माध्यम से अब अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में अपने नाम से जाने-पहचाने जा सकेंगे। इसके लिये इंदौर में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में भारत शासन, वस्त्र मंत्रालय की टेक्सटाईल कमेटी, मध्यप्रदेश संत रविदास हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम तथा नाबार्ड के बीच त्रिपक्षीय अनुबंध हुआ। लोक निर्माण, कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव की उपस्थिति में यह अनुबंध हुआ। अनुबंध पर एमडी नाबार्ड निरूपम मेहरोत्रा, अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन कुटीर एवं ग्रामोद्योग मनोज खत्री, प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव और टेक्सटाईल कमेटी की ओर से तपन राऊत ने हस्ताक्षर किये। प्रमुख सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग मनु श्रीवास्तव और टेक्सटाईल कमिश्नर भारत सरकार सुश्री रूप राशि भी उपस्थित थी।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि जीआई टैगिंग के माध्यम से प्रदेश के स्थानीय शिल्पकारों और बुनकरों के उत्पादों को नई पहचान और राष्ट्रीय के साथ अंतर्राष्ट्रीय मार्केट उपलब्ध हो सकेगा। आज हुए अनुबंध के अनुसार टेक्सटाईल कमेटी द्वारा जीआई टैगिंग के लिये उत्पादों का चिन्हांकन एवं प्रचार-प्रसार किया जायेगा। नाबार्ड इन उत्पादों के लिये वित्तीय व्यवस्था करेगा। इन कार्यों में कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्थानीय शिल्पियों के साथ समन्वय स्थापित कर मध्यप्रदेश के उत्पादों का संरक्षण और प्रचार-प्रसार करेगा।

नांदना प्रिंट और पंजादरी को मिलेगा जीआई टैग

इन्वेस्टर्स समिट के दौरान तारापुर जिला नीमच के नांदना प्रिंट एवं जोबट जिला अलीराजपुर की पंजादरी को जीआई टैगिंग प्रदान करने के प्रस्ताव पर टेक्सटाईल कमेटी भारत सरकार और मध्यप्रदेश संत रविदास हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम द्वारा हस्ताक्षर किये गये। साथ ही प्रदेश में अपनी अलग पहचान बना चुके रिटेल चाय आउटलेट ‘‘चाय सुट्टा बार’’ और प्रजापति समाज के मध्य अनुबंध किया गया। सुट्टा बार की ओर से अभिनव दुबे, पूरनलाल प्रजापति और हेमंत प्रजापति ने हस्ताक्षर किये।

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